चाची की रसीली चूत और मेरा कड़क लंड

हैल्लो दोस्तों, में आया हूँ अपनी सच्ची घटना के साथ में आप लोगों के सामने हाजिर हुआ हूँ। में सूरत शहर का रहने वाला हूँ। दोस्तों यह मेरा सेक्स अनुभव मेरे पड़ोस में रहने वाली भाभी के साथ घटित हुई और इस कहानी को शुरू करने से पहले में अपनी भाभी का परिचय भी सभी लोगो से करवा देता हूँ उसके बाद में आगे की कहानी बताऊंगा।

दोस्तों मेरी उस सेक्सी भाभी की उम्र 26 साल है और उनका नाम स्नेहा है, उनका रंग सावला बूब्स का आकार 32, 30, 34 और चेहरे की बनावट बहुत अच्छी थी। दोस्तों मुझे पहले भाभी में इतनी रूचि नहीं थी और ना ही मैंने पहले कभी भाभी को अपनी उस नजर से देखा था, लेकिन वो दिन भी क्या दिन था जिसने मेरी पूरी जिन्दगी को बदलकर रख दिया और मुझे वो सही मौका मिला जो मुझे आज भी अच्छी तरह से याद है।

दोस्तों अब आगे की कहानी सुनिए तब मेरे पड़ोस में रहने वाली उस हॉट सेक्सी भाभी की शादी के चार महीने बीत जाने के बाद ही उनके पति जिनका नाम देव था उनको अपने किसी जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए अचानक से ऑस्ट्रेलिया जाना पड़ा और तब से मेरी वो कहानी शुरू हो गई। दोस्तों उस दिन में अपने कॉलेज के बाद हर दिन की तरह मतलब की दोपहर को अपने घर पर वापस आ गया तो वो भाभी भी उसी समय मेरे घर पर आ गई और वो मुझसे कहने लगी कि तुम अगर व्यस्त नहीं हो तो क्या तुम मेरे साथ घर पर आ सकते हो? मुझे तुमसे कुछ काम था।

तब मैंने उनसे ना बोल दिया, क्योंकि मुझे भी उस समय अपना काम था, मुझे अपनी पढ़ाई करनी थी इसलिए में नहीं जा सकता था और मेरे मना करने पर भाभी मुझे ठीक है कहकर वापस अपने घर जा चुकी थी और फिर दो दिन के बाद जब में उनसे मेरी पिछली वाली बात के लिए माफ़ी मांगने गया तो उस समय मैंने देखा कि उनका घर अच्छी तरह से सजाधजा साफ था और तब मुझे पता चला कि उस दिन मेरी भाभी की जन्मदिन था। यह सभी तैयारियां इसलिए ही की गई थी और यह बात मुझे उनके एक नौकर से पता चली।

फिर मैंने मन ही मन सोचा कि क्यों ना में भी उनको जन्मदिन की बधाईयाँ दे दूँ और ना आने के माफ़ी भी मांग लूँ और इसलिए में उनसे मिलकर बात करने उनके रूम में चला गया, लेकिन उस रूम में कोई नहीं था फिर मेरी आँखे वो नजारा देखकर चमक गई और में ऐसे ही घूर घूरकर देखने लगा और मेरे पूरे शरीर के अंदर करंट दौड़ने लगा मेरा लंड भी हरकत में आने लगा था, क्योंकि तब वो मेरे सामने पंजाबी ड्रेस में सजकर खड़ी हुई थी और उसके वो कपड़े बड़े टाइट थे जिसकी वजह से बूब्स वाले हिस्से से बूब्स का आकार साफ साफ नजर आ रहा था और वो बहुत सुंदर दिख रही थी।

फिर मैंने उसको देखकर मन में सोच लिया कि यह तो मेरी ब्लूफिल्म की हिरोइन है, उसका वाह क्या मस्त गदराया हुआ, उस पर गोलमटोल बड़े आकार के बूब्स, क्या मस्त बड़ी आकार की मटकती हुई गांड उस साली को अब मुझे सिर्फ़ कैसे भी मनाना था। उससे अपनी दोस्ती को आगे बढ़ाना था क्योंकि मेरा मन उसको पहली बार देखकर ही पागल हो चुका था और में उसको देखकर ललचाने लगा। अब में उसके बूब्स को देखता ही रह गया और फिर मैंने होश में आकर कहा कि भाभी आपको जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक हो और प्लीज आप मुझे माफ़ भी जरुर करे। में आपके बुलाने पर भी अपने किसी काम की वजह से आपके साथ नहीं आ सका।

फिर वो बोली कि कोई बात नहीं है यार ऐसा होता रहता है। उसके बाद मैंने एक बार फिर से उनको जन्मदिन की बधाईयाँ दी और तब मैंने मन ही मन में उनको कहा कि बूब्सदिन मुबारक हो और फिर दोस्तों उस दिन से में उनके बहुत करीब हो गया। हम बहुत सारी बातें करने लगे हमारे बीच हंसी मजाक अब कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा जिसकी वजह से हमारे बीच की दूरी अब ना के बराबर हो गई और फिर में कॉलेज से आते ही सीधा उनके पास चला जाता और अब में उन पर लाइन मारने का सही मौका ढूँढ रहा था कि कब में उसकी चूत को देखूं? कब उनकी चुदाई करूं? वैसे भाभी एक ऑफिस में नौकरी भी करती जो मेरे घर से बहुत दूर था। में अब उनके पास आने के लिए सही मौके को ढूँढ रहा था और एक दिन मुझे वो सही मौका मिल ही गया, जिसका मुझे बहुत दिनों से इंतजार था और उस दिन रविवार का दिन था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर में उनके घर गया तो मुझे पता चला कि उसके घर पर जो नौकर काम करता था वो भी पिछली रात को मतलब कि शनिवार की रात को वो अपने गाँव चला गया था और मेरे घर पर भी मेरी माँ ही थी, लेकिन वो भी दोपहर को करीब एक बजे अपने किसी काम से कहीं जाने वाली थी, इसलिए सुबह करीब 11:00 बजे सब लोग बाहर चले गये और मैंने अपनी माँ से कहा कि मुझे भी बाहर जाना है और में भी उनसे कहकर चला गया, क्योंकि मुझे पता था कि मेरी माँ शाम तक भी वापस नहीं आएँगी। अब में फिर करीब दो घंटो के बाद में अपने घर पर वापस आ गया, लेकिन तब मैंने देखा कि मेरे घर पर ताला लगा हुआ है और उसकी वजह से में अपनी पड़ोस में रहने वाली भाभी के घर पर चला गया।

मैंने उनसे कहा कि मेरी माँ उनके किसी काम से कहीं गई हुई है क्या में अपना कुछ समय आपके घर पर बिता सकता हूँ? तो उन्होंने कहा कि हाँ जरुर तुम मेरे साथ रहोगे तो मुझे भी अच्छा लगेगा। वैसे भी में हर समय अकेली रहकर अब बोर होने लगी हूँ और तुम्हारे साथ मुझे अच्छा लगेगा, तुम बहुत अच्छी बातें करते हो और तुम्हारे साथ रहकर मुझे मज़ा आता है और वो मेरी तरफ मुस्कुराने लगी। दोस्तों तब मैंने ध्यान से देखा कि उस समय भाभी पीले रंग की मेक्सी में थी वो बड़ी ही सेक्स नजर आ रही थी और वो उस समय टीवी देख रही थी और उस समय करीब एक बजे थे। में भी जाकर उनके पास उनसे एकदम चिपककर बैठ गया और टीवी देखने लगा, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ भी नहीं कहा एक बार मेरी तरफ देखकर दोबारा टीवी को देखने लगी।

फिर दोस्तों मुझे उनकी इस हरकत की वजह से थोड़ी हिम्मत मिली और अब मैंने अपना हाथ लेकर उनकी कमर के पीछे डाल दिया और कमर को महसूस किया, लेकिन तब भी भाभी ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा बस शरारती तरीके से हंसी। फिर वो उठकर कुछ काम करने किचन में चली गयी और में भी कुछ देर बाद उनके पीछे चला गया। में पीछे से उसके गरम सेक्सी बदन को देखता ही रह गया, क्योंकि पीछे से उसकी बड़ी गांड और भी ज्यादा सेक्सी दिखाई दे रही थी। मेरा तो उसको देखकर लंड खड़ा हो गया इसलिए में अपने आप को नहीं रोक सका और में भाभी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और फिर तुरंत अपने दोनों हाथों से भाभी को कसकर अपनी बाहों में दबोच लिया और उसके बूब्स को दबाने लगा और अब मेरा बड़ा लंड उनकी गांड में कपड़ो में से ही अंदर घुस गया। फिर वो मुझे अपने बदन से चिपका हुआ देखकर एकदम से डर गयी और वो मुझसे बोली कि छोड़ दो मुझे, तुम यह कैसी हरकते कर रहे हो, मैंने कहा ना प्लीज छोड़ दो मुझे?