हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी आज की / कहानी, सुनाने से पहले अपने बारे में देता बता देता हूँ। मेरा नाम है और कार्तिक में 24 साल का हूँ और में आगरा में रहता हूँ, मेरी लम्बाई 5.11 इंच, वजन 80 किलो और में हर दिन सुबह जल्दी उठकर कसरत करता हूँ, इसलिए मेरा शरीर भी एकदम फिट है और रंग गोरा है। में दिखने में बहुत अच्छा हूँ। दोस्तों में जो यह कहानी आप कामुकता डॉट कॉम के चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ। यह मेरी और मेरे पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है, जो मेरे साथ कुछ समय पहले घटित हुई एक सच्ची घटना है और उस लड़की का नाम पिंकी है, जिसको मैंने चोदकर उसकी वर्जिन चूत के मज़े लिए। यह मेरा सेक्स अनुभव कभी ना भुला देने वाला अनुभव है, जो मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है। दोस्तों में पिंकी के बारे में बताऊँ तो वो दिखने में बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी थी और तब तक वो वर्जिन थी। उसकी लम्बाई करीब 5.5 इंच, पतला शरीर और गोरा बदन और उसके फिगर का साईज यही कोई 32-26-34 होगा। अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ।
पिंकी की चुत का भोसड़ा बनायादोस्तों यह बात तब की है जब में 12th में पढ़ता था और वो भी उस समय 12th में थी। में पढ़ने में ज़्यादा ठीक नहीं था, लेकिन मेरा गणित बहुत अच्छा था। एक दिन उसका छोटा भाई मुझे बुलाने के लिए मेरे घर पर आया और वो मुझसे बोला कि भैया आपको मेरी मम्मी हमारे घर पर बुला रही है। में तुरंत उसके साथ उनके घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद उसकी माँ ने मुझसे कहा कि बेटा तू पिंकी को गणित के कुछ सवाल बता दे, इसे समझ नहीं आ रहे है। पिंकी इस विषय में बहुत कमजोर है। फिर मैंने भी झट से उन्हें हाँ बोल दिया। पिंकी भी उस समय वहीं पर बैठी हुई थी और फिर में उसको सवाल समझाने लगा। कुछ देर में वहां पर उसकी मदद करने के बाद अपने घर पर चला आया और कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा। उसका छोटा भाई हर दिन मेरे पास आ जाता और वो मुझसे बोलता कि आप मेरी पिंकी दीदी को सवाल समझा दो और में भी उनके घर पर चला जाता था।
फिर एक दिन जब में पिंकी को पढ़ा रहा था तो उसने अचानक से अपना एक हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया और वो मुस्कुराने लगी, लेकिन मैंने उसकी इस बात को अपने दिमाग से निकाल दिया। फिर थोड़ी देर बाद उसने दोबारा से वही किया। मैंने अब उसकी तरफ देखा तो वो अभी भी मेरी तरफ स्माइल दे रही थी, लेकिन में अब भी चुपचाप उसे पढ़ने लगा। उसकी बात पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर में कुछ देर उसको पढ़ाकर अपने घर पर चला आया। फिर दूसरे दिन जब में उसको पढ़ाने उसके घर पर पहुंचा तो वो उस दिन मेरे बिल्कुल नज़दीक आकर बैठ गयी और वो मेरे कंधे पर अपने बूब्स को छूने लगी, जिसकी वजह से अब मेरा ध्यान पढ़ाने में कम और उसकी तरफ ज़्यादा था। मेरा लंड अब हरकत में आने लगा था, लेकिन फिर भी में उससे थोड़ा दूर होकर बैठ गया तो वो फिर से मेरे थोड़ा नज़दीक आ गई और मुझे बहुत डर भी लग रहा था और में मन ही मन सोच रहा था कि में भी थोड़ी हिम्मत करके कुछ कर दूँ, लेकिन इतनी देर मे उसकी माँ आ गई और वो तुरंत मुझे थोड़ा दूर होकर बैठ गई और में उसे पढ़ाने लगा, लेकिन में लगातार चोर नजर से उसके बूब्स को देखने लगा और पढ़ाई खत्म करके में अपने घर पर चला आया। अब में पूरा दिन उसके बारे में ही सोचता रहा और उसके कामुक बदन को छूने बूब्स को पकड़कर दबाने मसलने के बारे में सोचता रहा और कैसे में इस बात को आगे बढ़ाऊँ? में बस यही सब बातें सोचता रहा था। फिर अगले दिन हमारे यहाँ पर बारिश होने लगी, जिसकी वजह से हवा भी ठंडी चलने लगी थी, वो अक्टूबर का महीना था और मुझे थोड़ी सर्दी भी लग रही थी। तभी उसका भाई मुझे पढ़ाई के लिए बुलाने आ गया और में उसके साथ जाकर उसकी दीदी को पढ़ाने लगा, तो कुछ देर बाद उसकी माँ ने हमे एक कंबल लाकर दे दिया और वो हम दोनों से बोली कि बेटा तुम अपने पैर इसके अंदर कर लो तुम्हे सर्दी नहीं लगेगी और वो खुद हमारे लिए चाय बनाने किचन में चली गई।
फिर में अपने दोनों पैर अंदर करके बैठ गया और उसे पढ़ाने लगा। उसने भी अपने पैरों को अंदर कर लिया और अब वो अपने पैर मेरे पैर से छूने लगी और मेरे मन में भी अब भूत सवार था, इसलिए मैंने भी अपना पैर उसके पैर से छू दिया और में उसे देखकर मुस्कुराने लगा और वो भी मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी। फिर मैंने अपने पैर को थोड़ा सा ऊपर किया तो मेरा पैर उसकी जांघ से छू गया और उसने तुरंत अपना पैर दूर हटा लिया और मुस्कुराती हुई सवाल करने लगी, लेकिन अब मेरा सारा ध्यान उसी पर था और वो सवाल कर रही थी कि तभी मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और उसे छूकर उसकी गर्मी और कोमलता को महसूस करने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली। फिर मैंने भी थोड़ी देर तक अपना हाथ ऐसे ही रहने दिया और अपनी एक ऊँगली से सहलाता रहा। फिर में थोड़ी देर बाद उसे बातों में लगाकर अपना हाथ धीरे धीरे नीचे सरकाते हुए उसकी चूत के पास ले गया। फिर उसने तुरंत मेरा हाथ हटा दिया और वो मुझसे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने उससे कहा कि तुझसे कुछ बोलना है, वो बोली कि वो क्या? तो मैंने उससे कहा कि में तुझे बहुत पसंद करता हूँ और तू मुझे बहुत अच्छी लगती है, में बहुत दिनों से तुझसे यह बात कहना चाहता था, लेकिन मुझे थोड़ा थोड़ा डर लगता था।
अब वो मेरी यह बात सुनकर मुस्कुराने लगी और फिर मैंने उसके गाल पर एक किस कर दिया। उसने मुझे दूर हटा दिया और फिर मेरे गाल पर प्यार से हल्का सा थप्पड़ मारकर वो मुझसे बोली कि सुधर जाओ, वर्ना में माँ से बोल दूँगी। फिर मैंने उससे कहा कि तुझे जिससे बोलना है बोल देना, लेकिन मुझे तू सच में बहुत पसंद है। फिर उसने हंसकर कहा कि अच्छा जी और फिर मैंने उसकी आँखों में देखकर उसका चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और मैंने उसे किस कर दिया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और ना ही उसने मेरा कोई विरोध किया और ना मेरा साथ दिया। फिर मैंने दूर हटकर उससे कहा कि अगर तुझे यह सब पसंद नहीं है तो में कभी ऐसा दोबारा नहीं करूँगा और मैंने उससे थोड़ी देर ऐसे ही बातें की। फिर इतनी देर में उसकी माँ हमारे लिए चाय बनाकर ले आई तो हम दोबारा पढ़ने लगे और कुछ देर हमारे साथ बैठकर चाय पीने के बाद उसकी माँ बाहर चली गई और में भी पढ़ाई पूरी करके अपने घर पर जाने लगा। तभी उसने पीछे से मेरा हाथ पकड़कर मुझे किस कर दिया और वो मुझसे बोली कि अब तुम अपने दिल में मुझसे कोई भी शिकवा या शिकायत मत रखना, क्योंकि में भी तुम से बहुत प्यार करती हूँ और यह बात में भी तुमसे बहुत जल्दी कहना चाहती थी, लेकिन आज तुमने खुद ही मेरे मन की बात कहकर मुझे बहुत खुश कर दिया है। दोस्तों अब मुझे उसकी यह सभी बातें सुनकर नींद कहाँ आने वाली थी। में अपने घर पर पहुंचकर पूरी रात उसके बारे में सोचत रहा और फिर मैंने दो बार उसके नाम की मुठ भी मारी और सो गया। अगले दिन फिर से उसका भाई मुझे बुलाने आ गया तो में फटाफट से उसके घर पर पहुंच गया। मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि उसकी माँ अपने घर के काम में व्यस्त थी तो उस बात का फायदा उठाते हुए हमने बहुत देर तक जमकर किस किए और में कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाता रहा। दोस्तों उसके बूब्स दिखने में थोड़े छोटे लगते थे, लेकिन थे बहुत बड़े क्योंकि मैंने उनको छूकर अच्छी तरह से दबाकर देखा था, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई और सिसकियाँ लेने लगी और में लगातार उसके बूब्स को मसलता रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने उससे बोला कि में आज रात को तेरे रूम में आ जाऊंगा, तो वो मुझसे थोड़ा नखरा करने लगी, लेकिन फिर मेरे कहने और समझाने पर वो मान गई और वो मुझसे बोली कि ठीक है में तुम्हे सभी के सो जाने के बाद फोन कर दूँगी, तब तुम आ जाना और अब बस में रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
दोस्तों आज का दिन मुझे जैसे सबसे लंबा दिन लग रहा था और मैंने दिन में ही अपनी तरफ से सारी तैयारियां कर ली थी कंडोम वगेरह की और में सब कुछ करने के लिए तैयार हो गया। रात को इंतज़ार करते करते मुझे ना जाने कब नींद आ गई और रात में करीब एक बजे उसका मेरे नंबर पर फोन आया तो मेरी नींद खुली और फिर हम दोनों के मकान की छते एक दूसरे से जुड़ी हुई है, इसलिए में तुरंत उठकर अपनी छत पर चला गया और में वहां से होते हुए उसकी छत पर पहुंच गया। फिर मैंने देखा कि वो वहीं पर खड़ी हुई थी और मैंने उसे झट से अपनी बाहों में भर लिया और उसे पागलों की तरह किस करने लगा। फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज थोड़ा तो सब्र करो, अब में तुम्हारे पास ही हूँ, कहीं भागी नहीं जा रही जो तुम इतने उत्सुक हो रहे हो और वैसे भी यहाँ पर कोई हमे देख लेगा, इसलिए हम नीचे चलते है, घर के सभी लोग सो रहे है। फिर में उसके कहने पर उसके पीछे पीछे नीचे चला गया और नीचे जाकर हमने कमरे में जाकर तुरंत दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और अंदर जाते ही में उसे किस करने लगा। दोस्तों मैंने महसूस किया कि अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और में किस करते करते उसके बूब्स को भी दबा रहा था और कभी कभी में कपड़ो के ऊपर से ही उसकी चूत पर भी अपनी उंगली को घुमा रहा था।