चित्रा और मैं-1

काफी पुरानी बात है। मैं कक्षा 11 में था, और 18 की उम्र पार करके ही ग्यारहवीं में पहुंचा था। उस उम्र के लगभग सभी लड़कों की तरह मैं भी हर समय काफी हॉर्नी रहता था। क्लास में अपनी पेंसिलContinue reading… चित्रा और मैं-1

मैं दादा जी की दीवानी हूँ-1

ये कहानी मेरी एक पाठिका सहेली की कहानी है, जो उसने मुझे संपादन करने की रिक्वेस्ट की। आगे की कहानी उसी की ज़ुबानी। मेरा नाम शिखा है, और मैं 25 साल की हूँ। मैं जबलपुर की रहने वाली हूँ, औरContinue reading… मैं दादा जी की दीवानी हूँ-1

शीला की जवानी-16

शराब का सुरूर और तीन-तीन पानी छोड़ती चूतों की खुशबू, ऊपर से चुदाई की मस्ती की सिसकारियां। सब तरफ चुदाई का माहौल था। संधू ज्योति और शीला पर पिला पड़ा था। बारी-बारी दोनों की चुदाई कर रहा था। मैं नैंसीContinue reading… शीला की जवानी-16

शीला की जवानी-17

पिछली रात की धुआंधार चुदाई की थकान से नींद तो बढ़िया आयी थी। सुबह उठा तो ज्योति ने ऊपर चाय के लिए बुला लिया। मैं ऊपर चला गया, शीला और ज्योति नहा चुकी थी। शीला चाय बना रही थी, औरContinue reading… शीला की जवानी-17

चित्रा और मैं-4

फिर लौड़े के सामने एक गिलास पकड़ा एक हाथ से और दूसरे हाथ से लौड़ा पकड़ कर बोली “पहले अच्छी तरह मूत लो, फिर कुछ करूंगी।” मैंने भी आराम से मूता और कहा कि “आगे और कुछ करने से पहलेContinue reading… चित्रा और मैं-4

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-1

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। किसी के पूछने या सोचने से पहले ही बता दूँ की यह एक सच्ची कहानी है और लोग चाहे कितने भी हैरान क्यों ना हो, बंद कमरे में क्या होता है, किसके साथ होता है,Continue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-1

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-3

कुछ मिनटों के बाद, मैंने हलके हलके से उसके होंठ चूसना शुरू किया। अब वो भी मेरे चुम्बन का उतर दे रहा था। उसने धीरे से मेरे एक हाँथ में अपना हाँथ फसा लिया। मेरा दूसरा हाँथ उसके छाती पेContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-3