मेरी चुदक्कड़ मामी और सेक्सी ममेरी बहन-5

पिछला भाग पढ़े:- मेरी चुदक्कड़ मामी और सेक्सी ममेरी बहन-4 मैं और मामी, हम दोनों नंगे ही सोफे पर बैठे हुए थे। मामी ने मेरा लंड पकड़ा हुआ था और हल्के-हल्के दबाते हुए अपनी नारंग के साथ हुई चुदाई कीContinue reading… मेरी चुदक्कड़ मामी और सेक्सी ममेरी बहन-5

चित्रा और मैं-5

उठ खड़े होकर सबसे पहले तो घर के दरवाज़े अच्छी तरह बंद किये, जिससे कोई भी बिना बैल बजाये अंदर ना आ जाए। और फिर सभी खिड़की के परदे सरकाए, क्योंकि हम दोनों का कपड़े पहनने का मूड ही नहींContinue reading… चित्रा और मैं-5

चित्रा और मैं-6

चित्रा की लेक्चर वाली बात मैंने सुनी-अनसुनी सी करके पास ही रखे एक स्टूल को उसकी कुर्सी के पास खिसकाया, और उस पर खड़े होकर अपने चूत चूमने की वजह से टन्न हुए लौड़े को चित्रा के गाल से छूContinue reading… चित्रा और मैं-6

शीला की जवानी-15

कुछ देर चूसने के बाद नैंसी उठ खड़ी हुई। साथ ही नैंसी ने अपने पर्स में से कुछ निकाला, और हाथ में ले लिया और बोली, “चलो जीत।” हम दोनों दूसरे कमरे में चले गए। जब ज्योति के कमरे केContinue reading… शीला की जवानी-15

चित्रा और मैं-1

काफी पुरानी बात है। मैं कक्षा 11 में था, और 18 की उम्र पार करके ही ग्यारहवीं में पहुंचा था। उस उम्र के लगभग सभी लड़कों की तरह मैं भी हर समय काफी हॉर्नी रहता था। क्लास में अपनी पेंसिलContinue reading… चित्रा और मैं-1

मैं दादा जी की दीवानी हूँ-1

ये कहानी मेरी एक पाठिका सहेली की कहानी है, जो उसने मुझे संपादन करने की रिक्वेस्ट की। आगे की कहानी उसी की ज़ुबानी। मेरा नाम शिखा है, और मैं 25 साल की हूँ। मैं जबलपुर की रहने वाली हूँ, औरContinue reading… मैं दादा जी की दीवानी हूँ-1

शीला की जवानी-16

शराब का सुरूर और तीन-तीन पानी छोड़ती चूतों की खुशबू, ऊपर से चुदाई की मस्ती की सिसकारियां। सब तरफ चुदाई का माहौल था। संधू ज्योति और शीला पर पिला पड़ा था। बारी-बारी दोनों की चुदाई कर रहा था। मैं नैंसीContinue reading… शीला की जवानी-16

शीला की जवानी-17

पिछली रात की धुआंधार चुदाई की थकान से नींद तो बढ़िया आयी थी। सुबह उठा तो ज्योति ने ऊपर चाय के लिए बुला लिया। मैं ऊपर चला गया, शीला और ज्योति नहा चुकी थी। शीला चाय बना रही थी, औरContinue reading… शीला की जवानी-17

चित्रा और मैं-4

फिर लौड़े के सामने एक गिलास पकड़ा एक हाथ से और दूसरे हाथ से लौड़ा पकड़ कर बोली “पहले अच्छी तरह मूत लो, फिर कुछ करूंगी।” मैंने भी आराम से मूता और कहा कि “आगे और कुछ करने से पहलेContinue reading… चित्रा और मैं-4

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-1

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। किसी के पूछने या सोचने से पहले ही बता दूँ की यह एक सच्ची कहानी है और लोग चाहे कितने भी हैरान क्यों ना हो, बंद कमरे में क्या होता है, किसके साथ होता है,Continue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-1