मेरे चारों बच्चे मेरी जान-4

अगले दिन से मेरी और अभिषेक की एक नयी दुनिया शुरू हो गयी। अगला दिन रविवार था तो सारे बच्चे रविवार को देर से उठते हैं और कामवाली भी देर से ही आती है। लेकिन माँ होने के नाते मैंContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-4

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-5

अभिषेक उठ कर मेरे चुत पे एक चुम्मी देकर चुत के दीवार को खोलने लगा और अपने खड़े लंड को सीधे अंदर घुसा दिया। अब वो सिखने लगा था। इतने तेज़ी से घुसाया की मेरी बहुत ज़ोर की चीख निकलContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-5

शीला की जवानी-9

कंडोम की खासियतें देख कर ज्योति चुदाई के लिए बेचैन थी। मैंने लंड ज्योति को चूत के छेद पर रखा, और फचाक के अंदर डाल दिया। लंड पर चढ़े कंडोम ने अपना जलवा दिखाया, और ज्योति के मुंह से एकContinue reading… शीला की जवानी-9

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-12

मुझे बेहद मज़ा आया। अखिल ने कहा, “चल कुतिया आजा, घुटनों के बल हमारे नीचे बैठ जा। और अपने हाथ और जीभ कुतिया जैसे कर ले।” मैंने अपने हाथ को कुतिया जैसा सामने कर लिया, और जीभ खोल कर उनकेContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-12

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-13

थोड़ी देर बाद चारों बच्चे और नौकरानी मेरे कमरे में ही नाश्ता वग़ैरह लेकर आये। आरती और अभिनव आकर मेरे पास बिस्तर में चढ़ गए और मुझसे पूछने लगे कि मेरी तबियत कैसी थी और मुझे प्यार करने लगे। अभिषेकContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-13