शीला की जवानी-9

कंडोम की खासियतें देख कर ज्योति चुदाई के लिए बेचैन थी। मैंने लंड ज्योति को चूत के छेद पर रखा, और फचाक के अंदर डाल दिया। लंड पर चढ़े कंडोम ने अपना जलवा दिखाया, और ज्योति के मुंह से एकContinue reading… शीला की जवानी-9

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-12

मुझे बेहद मज़ा आया। अखिल ने कहा, “चल कुतिया आजा, घुटनों के बल हमारे नीचे बैठ जा। और अपने हाथ और जीभ कुतिया जैसे कर ले।” मैंने अपने हाथ को कुतिया जैसा सामने कर लिया, और जीभ खोल कर उनकेContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-12

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-13

थोड़ी देर बाद चारों बच्चे और नौकरानी मेरे कमरे में ही नाश्ता वग़ैरह लेकर आये। आरती और अभिनव आकर मेरे पास बिस्तर में चढ़ गए और मुझसे पूछने लगे कि मेरी तबियत कैसी थी और मुझे प्यार करने लगे। अभिषेकContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-13

शीला की जवानी-12

पहली चुदाई में ज्योति दो बार झड़ चुकी थी, मगर मेरा लंड खड़ा ही था। ज्योति मीट और चावल गरम कर रही थी, और अगली चुदाई की बातें कर रही थी। ज्योति बोली, “चल आजा जीते, अब थोड़ा खाना खाContinue reading… शीला की जवानी-12