मकान मालिक की मस्त बेटी

हैलो फ़्रेंड्स, मेरा नाम आर्यन है, और मै उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर का रहने वाला हूं। इस समय मेरी उम्र 28 वर्ष है। मेरी हाइट 5 फिट 4 इंच है और मेरे लन्ड की साइज 6 इंच से ज्यादा है। यह मेरी पहली कहानी है जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह घटना आज से 4 वर्ष पहले घटित हुई थी।

बात उस समय की है जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर इलाहाबाद यूपीएससी की तैयारी करने पहुँचा। काफी मशक्कत के बाद एक रूम किराये पर मिल सका। रुम बहुत छोटा सा था। लेकिन एक अच्छाई यह थी कि मैं वहाँ पर अकेला किराएदार था। और मेरा कमरा ऊपर था और सामने बहुत बड़ा छत खाली था। जबकि नीचे के रुम में मकान मालिक अपने पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते थे। उनका बड़ा बेटा कहीं जॉब करता था उसकी उम्र लगभग 30 वर्ष थी उससे छोटा वाला बेटा एमएससी फर्स्ट ईयर में था। सबसे छोटी लड़की थी जिसका नाम मनस्वी था। उसकी उम्र 19 वर्ष के आस पास थी।

मनस्वी एक मध्यम सी दिखने वाली लड़की थी। परंतु उसका फिगर लाजबाब था। उसका कोई तोड़ नही था। उसका साइज 36-28-34 था। उसको देखने के बाद कोई भी लड़का बिना मुठ मारे नहीं रह सकता। उसकी पूरी फैमिली हसमुख स्वभाव की थी।

मेरे आने के कुछ महीनों बाद ही गांव में प्रधानी का चुनाव होने वाला था। मेरे मकान मालिक गांव में सरपंच बनना चाहते थे। इसलिए वे और उनकी पत्नी गांव चले आये। अब यहाँ पर उनके तीनो बच्चे ही थे। बड़ा बेटा सुबह 10 बजे जॉब पर जबकि छोटा 9 बजे ही क्लास करने चला जाता था। छोटे बेटे का नाम मनु था वह बहुत अय्याश किस्म का था।

उसकी कई गर्लफ्रैंड थी। मम्मी पापा के जाने के बाद तो अब वह पूरे पूरे दिन गायब रहता था। मनस्वी पूरे दिन घर पर अकेली रहती थी। जिसके कारण अब मैं मनस्वी से बातचीत करने लगा था। उसने बताया कि उसका ग्रेजुएशन इसी वर्ष पूरे हुआ है। और अब घर वाले उसे आगे नहीं पढ़ा रहे हैं। तो मैंने उसे एसएससी के तैयारी की सलाह दी। और मैथ्स और जीएस भी पढ़ने का वादा किया। भाइयो के जाने के बाद अब वो पूरे दिन मेरे साथ पढ़ाई करने लगी थी।

एक दिन मनु अपनी एक गर्लफ्रैंड को घर पर लेकर आ गया। और अंदर कमरे में ले जाकर सेक्स करने लगा। उस समय मनस्वी मेरे साथ पढ़ाई कर रही थी। वह किसी काम के लिए अचानक नीचे गयी तो उसे कमरे से आह उह की आवाज आती सुनाई दी। उसने खिड़की से देखा तो पाया कि उसका भाई और उसकी गर्लफ्रैंड दोनों नंगे थे और 69 के पोजीशन में लन्ड और चूत को चाट रहे थे। उसने पहली बार ऐसा देखा था तो वही खड़ी होकर देखने लगी। वो काफी देर तक नहीं आयी तो मैं खुद नीचे गया।

उसे मेरे आने का अहसास नही हुआ मैंने देखा कि वो कपड़े के ऊपर से ही अपने चूत को मसल रही थी। मैं दबे पांव उसके पास गया और कमरे का सीन देखकर आवाक रह गया। अंदर मनु अपने लण्ड को चूत में डालने की कोशिश कर रहा था। कोशिश करने में ही वह झड़ गया। जिसे देखकर उसकी गर्लफ्रैंड गुस्सा हो गयी और अनाप सनाप बकने लगी। इसको देखते हुए मनस्वी अचानक पलटी और मुझे देखकर शर्मा कर अपने कमरे में भाग गई और अंदर से दरवाजा बंद कर ली। मैं ऊपर अपने कमरे में चल आया। और मुठ मारने लगा तभी मैंने मनु के जाने की आवाज सुनी।

मैं तुरंत मनस्वी को चोदने का प्लान बनाने लगा। मैं तुरंत नीचे आया और मनस्वी को पढ़ने के बहाने बुलाने लगा। लेकिन कोई प्रतिक्रिया ना होते देख दरवाजे को धक्का दिया तो देखा कि वो अब भी अंदर से बंद था। मैंने दरवाजे के छेद से अंदर देखा तो पाया कि मनस्वी मोबाइल में कुछ देख रही थी और एकदम नंगी होकर अपने चूत को सहला रही थी। यह देखकर मेरे अंदर और आग लग गयी। और मैं अंदर जाने का जुगाड़ खोजने लगा। मुझे याद आया कि मनु के कमरे का दरवाजा मनस्वी के रूम में खुलता है। मैंने मुख्य दरवाजे पर ताला लगा दिया और मनु के कमरे में घुस गया।

सौभाग्य से दरवाजा बंद नहीं था मैं धीरे से अंदर घुस गया। मनस्वी अब आँखे बंद कर अपनी चूत को सहला रही थी। मैं धीरे से उसके पास गया और उसकी खूबसूरती को निहारने लगा। उसकी चुचियाँ एकदम टाइट लग रही थी। उसकी कमर लाजबाब थी कमर पकड़ कर उसे तुरंत ही चोदने का मन कर रहा थाऔर चूत पर अभी छोटे छोटे रोयें आ रहे थे।

शायद उसको मेरे आने का अहसास हो गया था परंतु वह इतना उत्तेजित थी कि आँखे खोलकर देखा ही नहीं। मैंने अपने होंठों को उसके गुलाबी होठों पर रख दिया। उसके शरीर में कंपकंपी छूट गयी और उसने तेजी के साथ मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैं उसके ऊपर गिर सा गया। मैं उसके ओठों को चूसने लगा तो मेरे पीठ पर उसके हाथों का दबाव बढ़ता ही गया। मैंने धीरे धीरे अपनी साँसों से उसके पूरे चेहरे का चुम्बन किया।

धीरे धीरे उसके गालों से होते हुए उसके गले पर हल्के से अपना दाँत गड़ा दिया, उसने अति उत्तेजना में मेरे पीठ पर अपने नाखून गड़ा दिए। उसके कान और कान के पीछे कीस करने पर तो वह बेकाबू सी हो गयी और मेरे कपड़े उतारने की कोशिश करने लगी। मैंने उसकी दोनों चुचियों को हाथ से सहलाने लगा। वह आह उह की आवाज करने लगी। मै अपनी जीभ से उसकी चुचियों को चाटने लगा। वह पागल सी होती जा रही थी ।

लगभग 30 मिनट तक यह सब चलता रहा मैंने उसे उल्टा लेटा दिया और अपने कपड़ों को उतारकर अंडरवियर पर आ गया। मैं पीछे से उसके शरीर से चिपक गया और दोनों हाथों से उसकी चुचियों को सहलाने लगा। फिर धीरे धीरे अपने जीभ से उसके पीठ पर गोल गोल करने लगा। वह बिस्तर पर अपने हाथों से रगड़ रही थी। जीभ से उसके पीठ को धीरे धीरे छूते हुए उसके नितंबों तक गया उसके नितम्बो पर धीरे से काट लिया। उत्तेजना के कारण वह अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी।

मैं कीस करते हुए उसके पैरों पर नीचे गया तो उसने सीधा होते हुए मुझे बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे अंडरवियर को निकाल दिया। मेरा लण्ड आज़ाद होकर ऊपर की तरफ तन गया। उसने उसे हाथ से पकड़ लिया और दबाने लगी। मैंने अब उसे फिर बिस्तर पर गिर दिया और उसकी चुचियों को चूसने लगा।

धीरे धीरे अपने हाथ को उसके चूत पर ले गया तो पाया कि वह गीली हो गई थी। मैंने अपनी उंगलियों से उसकी चूत को रगड़ना आरम्भ किया तो अब वह मुझे बार बार गिराने का प्रयत्न करने लगी। एक तरफ मैं उसकी चुचियों को चूस रहा था तो दूसरी तरफ हाथों से उसकी चूत को रगड़ रहा था वह अतिउत्तेजना में मेरे लण्ड को पकड़ कर अब अपनी चूत की तरफ खींच रही थी। अब मैंने धीरे धीरे नीचे जाते हुए उसकी चूत पर कीस कर लिया।

उसके बाद अपने जीभ के छोर से उसके चूत को चाटना शुरू कर दिया। वह अपने पैरों को सिकोड़े जा रही थी। मैंने अचानक से अपने जीभ को उसके चूत में घुसा दिया वह आह कर उठी । अब वह मेरे सिर को अपने चूत पर दबाने लगी थी। मैं अपनी जीभ को उसके छूट में अंदर बाहर करने लगा। अचानक से उसने मुझे धक्का दे दिया और मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लण्ड को अपने मुंह मे ले लिया और अंदर बाहर करने लगी।

अब हम दोनों 69 की अवस्था मे आ गए। मैं उनकी पूरी चूत को अपने मुंह मे लेकर चूस रहा था और रह रह कर अपने जीभ को उसकि चूत में डाल कर अंदर बाहर करता और वह मेरे लैंड को अपने जीभ से चाटती और अपने मुंह मे अंदर बाहर कर रही थी कुछ समय बाद मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने लण्ड को उसके चूत पर लगाया तो वह चिहुँक सी पड़ी और अपने गांड को ऊपर करने लगी परंतु मैं उसके चूत पर ही अपने लण्ड को रगड़ने लगा।

वह पगलों की तरह बार बार लण्ड को चुत में डालने का प्रयास कर रही थी। अब मैं भी डालने के मूड में आ गया था। मैंने लण्ड को चूत पर सेट किया और जोर लगाने लगा तो वह फिसल गई। तब मैंने उसके दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख लिया जिससे उसकी चूत खुल गयी।

अब मैंने चूत पर लण्ड रखते हुए धीरे से धक्का दिया तो लण्ड का सूपड़ा अंदर घुस गया और वह दर्द से बिलबिलाने लगी मैंने देर ना करते हुए वैसे ही उसके पैरों को कंधे से उतार कर उसके ऊपर लेट गया और उसे पकड़ते हुए अपने लण्ड का दबाव बढ़ाया धीरे धीरे लण्ड अंदर जाने लगा। वह चिल्लाने लगी लेकिन वहां पर कोई नहीं था इएलिये कोई डर भी नही था।

मैं उसे सांत्वना देते हुए उसकी चुचियों को चूसने लगा जब दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक तेज धक्के के साथ पूरा लण्ड उनकी चुत में घुसा दिया और उनके कभी उसके ओठों को चूमता तो कभी उसके चुचियों को चूमता। धीरे धीरे उसे आराम हुआ तो मैंने धक्का लगाना शुरू किया शुरू में तो उसे दर्द हो रहा था परंतु बाद में वह उछल उछल कर साथ देने लगी। कभी उसके एक पैर को उठा कर चोदता तो कभी दोनों पैरों को। वह पूरा साथ दे रही थी ।

कुछ समय बाद वह मेरे ऊपर आ गयी और खुद धक्का मारने लगी। प्रत्येक धक्के के साथ हम दोनों को आनंद की अनुभूति हो रही थी। अचानक उनके धक्कों की रफ्तार बढ़ गयी। और लगभग आधे घंटे लगातार धक्के के बाद हम दोनों स्खलित हो गए। मेरे गर्मागर्म वीर्य को वह आंखे बंद कर आनंद ले रही थी और मैं तो उसकी चूत का दीवाना हो गया।

अब शाम हो चुकी थी तो हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और मुख्य दरवाजे का ताला खोलकर मैं अपने रूम में आ गया।

उसके बाद हम दोनों को जब भी मौका मिलता एक दूसरे में समा जाते थे।

अब अगले कहानी में पढ़े की किस तरह मनस्वी की सहायता से मैंने मनु की गर्लफ्रेंड को कैसे चोदा।

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