हाय दोस्तों, मैं रचुती हूँ. सर्वप्रथम आप सभी को मेरी तरफ से प्रणाम. दोस्तों ये बात 4 साल पहले की है. मेरे पापा आर्मी में थे. एक बार किसी वजह से पापा का मनीऑर्डर नही आ पाया, तब पापा के जीजाजी आया करते थे और वो अक्सर 15 दिन में शनिवार को जरुर आया करते थे. New Sex Stories
एक दिन मम्मी पैसे के लिए काफी परेशान थी, फूफा जी शनिवार को आ गए. उनकी उम्र करीब 62 साल थी और मम्मी सिर्फ 32 साल की थी.मम्मी ने खाना खाने के बाद उनसे पैसों की बात की. मम्मी ने कहा – मुझे 3000 रुपए अर्जेंट चाहिए. उन्होंने मम्मी को 10 बजे के बाद अपने कमरे में आने के लिए कहा, मै और मम्मी बेडरूम में सोया करते थे.फूफा जी को ड्राइंगरूम में सोना था. मै खाना खाकर लेट गई पर मैंने मम्मी को उनके कमरे में जाते हुए देखा, बेडरूम में नाईट बल्ब जल रहा था. मै भी 2 मिनट बाद उत्सुकतावश मम्मी के पीछे चली गई और ड्राइंगरूम के बाहर ही खड़ी हो गई.
पर्दा फेन की हवा से थोड़ा – थोड़ा हिल रहा था गर्मियों के दिन थे, मम्मी ने हरे रंग की साड़ी पहन राखी थी और काला ब्लाउज़ था.फूफा ने कहा की अभी देता हूँ और फूफा ने अपने बैग से एक गड्डी निकाली और मम्मी के हाथ में रख दी, मम्मी ने कहा की ये तो बहुत सारे हैं फूफा ने कहा की पर मेरा काम कर दो. मम्मी ने कहा की क्या काम है तो फूफा ने मम्मी का हाथ पकड़ लिया और अपनी बाँहों में कस लिया, मम्मी ने कहा की भाईसाहब मुझे छोड़ दो.
मुझे सिर्फ 3000 रुपए ही चाहिए, तभी फूफा ने मम्मी की साडी खोल दी, अब मम्मी सिर्फ पेटीकोट में और ब्लाउज़ में खड़ी थी, मम्मी ने जूड़ा बना रखा था, फूफा ने मम्मी को पीछे से पकड़ लिया और मम्मी के हिप्स पर दबाने लगा, मम्मी को फूफा लगातार चूम रहा था.
मम्मी छुटने का पूरा प्रयास कर रही थी पर वो छोड़ ही नही रहा था, मम्मी ने कहा की कोई देख लेगा उसने कहा की सब सो गए है, फूफा ने मम्मी का नाडा पकड़ कर खीँच दिया और मम्मी नंगी हो गयी, मम्मी ने कहा की भाईजी मै तुम्हारी बेटी के सामान हूँ पर फूफा ने कुछ नही सुना. फूफा ने बनियान और लुंगी पहन रखी थी, फूफा ने मम्मी को जबरदस्त पकड़कर सोफे पर बैठा दिया और खुद फर्श पर उकडू बैठ गया, फूफा ने अपना मुह मम्मी की जाँघों के बीच में घुसा दिया और चूसने लग गया.
मम्मी का प्रतिरोध अब कम होने लगा था, फूफा ने अपनी लुंगी उतार दी थी और बिलकुल नंगा हो गया था, फिर अचानक फूफा ने मम्मी के, जहाँ से मम्मी पेशाब करती थी, वहां अपनी एक ऊँगली घुसेड दी, मम्मी की धीरे से चीख निकल गयी. फूफा अपनी ऊँगली तेजी से आगे पीछे करने लगा, मम्मी ने अपनी दोनों टाँगें फैला दी थी, फूफा ने 1-2 मिनट तक खूब ऊँगली चलाई, मम्मी ने फूफा का सर पकड़ कर अपनी पेशाब वाली जगह पर जोर से खिंचा, फूफा ने एकदम से ऊँगली निकाल ली और मुंह लगा दिया, चाचा चुसुड़ चुसुड़ कर पीने लगा, शायद मम्मी ने मस्त होकर पेशाब कर दी थी, फिर फूफा ने थोड़ी देर में ही मम्मी को उठाया और नीचे फर्श पर उकडू बैठा दिया और फूफा ने मम्मी के मुह में जबरदस्ती अपना मोटा काला लम्बा लंड (जो की करीब 8 इंच से कम नही रह होगा) दे दिया…
मम्मी उसे पकड़कर आगे पीछे कर रही थी और फूफा मम्मी के बालों से खेल रहा था, मम्मी उसे कुल्फी की तरह चूस रही थी, थोड़ी देर बाद मम्मी ने कहा की भाई जी अब जाने दो न.फूफा ने कहा की इसे अंदर कौन लेगा मम्मी ने मना कर दिया और कहा ना बाबा ना ये मेरे बस का नही है, फूफा ने मम्मी को खड़ा कर दिया था और मम्मी उससे छुटने का प्रयास कर रहीथी वो लगातार मम्मी के गोरे गोरे चुत्तड़ दबा रहा था, मम्मी वास्तव में बहुत ख़ूबसूरत थी. फूफा ने मम्मी को अपनी गोद में उठाकर बैड पर लिटा दिया और खुद भी मम्मी के उपर चढ़ गया…
फूफा ने मम्मी के दोनों पैर अपने हाथों में पकड़ लिए, मै अब खिड़की की सीध में आ गई थी और वंहा से सिर्फ 2 फीट की दुरी पर दोनों दिख रहे थे मम्मी लगातार फूफा का लंड देखकर उसके नीचे से निकलने की कोशिश कर रही थी, पर फूफा उसकी टाँगें नही छोड़ रहा था, फूफा ने मम्मी की टाँगें उठाकर पीछे की तरफ कर दी, मेने अपनी मम्मी की जाँघों के बिच में इतने नजदीक से कभी नही देखा था. मम्मी की पेशाब की जगह तितली सी पंख फैलाकर बेठी थी ऐसा महसूस हो रहा था. ये सब देखकर मेरी चूत भी गीली हो रही थी.
मेरा भी मन कर रहा था कि कोई मुझे भी चोद दे.दरअसल में फूफा ने चाट – चाट कर मम्मी की फांकें चौड़ी कर दी थी, फूफा अपना लंड घुसाने की कोशिश कर रहा था मगर मम्मी हिल जाती थी, मम्मी ने 3 – 4 बार कहा की भाई जी मुझे बक्श दो मेरे बस का नही है पर फूफा का काला लंड लगातार हिल रहा था, आखिर फूफा ने मम्मी की दोनों टाँगें बाएं हाथ से पकड़कर और दुसरे से अपना लंड पकड़ कर मम्मी की फंको के बिच में रखकर जैसे ही धक्का मारा मम्मी की चीख निकल गयी, फूफा ने कहा माया मेरी जान क्या हुआ, मम्मी ने कहा की बहुत मोटा है, फूफा ने मम्मी की बात अनसुनी कर दी और अपने लंड को धीरे धीरे अंदर करने लग गया, मम्मी लगातार सिसक रही थी और फूफा के काले मोटे मोटे चुत्तड़ तेजी से आगे पीछे हो रहे थे..
फूफा ने अपने दोनों हाथ मम्मी की छाती पर टिका दिए थे और सहला रहा था, फूफा लगभग पंजो पर उकडू उठा हुआ था और उसका काला लम्बा मोटा लंड मम्मी के अंदर बाहर आ जा रहा था. मै मम्मी की सिस्कारिया सुन रही थी, मम्मी आह, आह, आह……… बस, बस, ….बोल रही थी मम्मी का छेद लगभग 2 इंच गोल हो गया था, मम्मी की ऐसी सेक्सी आवाज मैंने पहले कभी नहीं सुनी थी, मम्मी की आवाज मुझे ऐसी लगी जैसे कुतिया का छोटा बच्चा ठण्ड के मारे घुट घुट कर रो रहा हो, फूफा का काला लंड फूल चूका था, फूफा पूरा जोर लगा रहा था कि किसी तरह पूरा 8 इंच का लंड अंदर चला जाये पर मम्मी फूफा की जाँघों पर हाथ रख लेती थी, आखिर में फूफा ने पूरा लंड अंदर पेल ही दिया, मम्मी जोर से चीख उठी, अब फूफा के आंड मम्मी की चूत पर टकरा रहे थे और मम्मी बुरी तरह सिसक रही थी..
मम्मी ने अपनी दोनों टाँगें खुद ही हवा में उठा ली थी. मम्मी की पाजेब की आवाजें मुझे भी बहुत अच्छी लग रही थी, मम्मी का छेद मेरी आँखों से सिर्फ 2 फीट की दुरी पर था, करीब 15 मिनट बाद फूफा ने अपने दोनों चूतड़ भींच लिए और दोनों आंड मम्मी की चूत पर सटा दिए, फूफा की टाँगें कांपने लगी थी. फिर 1 मिनट बाद चाचा ने अपना लंड धीरे से बाहर निकाल लिया, मम्मी के छेद से सफ़ेद गाढ़ा मांड जैसा कुछ बाहर आने लग गया था, फूफा मम्मी की बगल में लेट गया, मम्मी ने धीरे से अपनी टाँगें निचे रखकर घुटनों से मोड़ ली…
मम्मी का छेद धीरे धीरे सिकुड़ने लग गया था पर उसमे से बहुत ही गाढ़ा पदार्थ निकल रहा था, फूफा ने मम्मी की चूत अपने लुंगी से साफ़ कर दी और अपना लंड भी साफ किया, फूफा ने मम्मी को पूछा की कैसा लगा, मम्मी ने अपना सिर फूफा की बालों से भरी छाती पर टिका दिया. मम्मी ने धीरे से फूफा से कहा की भाईसाब जी तुम्हारे अंदर बहुत जान है, इस के पापा तो 3 – 4 मिनट बाद ही थक कर सो जाते है पर मै ये किसी से नही कह सकती उन्होंने मुझे कभी भी ये अहसास नहीं कराया की सेक्स क्या होता है और उनका लिंग भी तुम्हारे लिंग से आधा है साइज़ में, मै ये सब सुनकर हैरान रह गई की मम्मी फूल सी नाजुक हैं और मम्मी को आखिर क्या मजा आया सिसकते हुए, जब फूफा ने मम्मी के अंदर पूरा पेल दिया था और मम्मी ने हवा में टाँगें क्यों उठा ली थी?
मम्मी के बदन पर कभी भी मेरा ध्यान अच्छी तरह से नही गया पर जब फूफा ने मम्मी को बिलकुल नंगा कर दिया था तब मेरा दिमाग भी उनकी सुन्दरता देखकर दंग रह गया, वाह मम्मी की जाँघों के बीच में क्या उठान थी?फूफा जी का लंड देखकर भी मेरे मन में पानी आ गया था, फूफा रह रह कर मम्मी की उठान पर अपनी हथेली फिरा रहा था और मम्मी फूफा की चौड़ी छाती पर अपनी हथेली से सहला रही थी. फूफा ने कहा की माया तुझे मेरा देखकर डर नही लगा? मम्मी ने कहा की पहले मुझे लगा की तुम मेरी हालत ख़राब कर दोगे पर फिर ऐसा मजा आया की सब कुछ भूल गयी.
फूफा ने कहा की माया मेने 2 साल से औरत की सुगंध भी नही ली, शरीर तो क्या देखना था? और तेरी मसल ने मुझे ऐसा मसल मारा की मै पिघल गया.ऐसा लग रहा था की मै साइकिल में हवा भर रहा हूँ. उन दोनों की बातें सुनकर मुझे लगा की सेक्स में वाकी बहुत मजा है.फूफा ने मम्मी को कहा की माया यहीं सो जा रचुती तो कभी की सो चूकी होगी पर मम्मी नही मानी और बेड से उठकर उन्होंने कपडे पहन लिए, फूफा का लंड भी सिकुड़ कर 5 इंच का रह गया था, चलने से पहले मम्मी ने फूफा की छाती पर किस किया तो मै समझ गई की मम्मी किसी भी समय बाहर आ सकती है…
मै तुरंत बेड पर जाकर लेट गई, करीब 3 मिनट बाद मम्मी आ गयी और चुपचाप लेट गयी.
मुझे नींद नहीं आ रही थी लेकिन फिर भी सोने का बहाना करती रही. जब माँ सो गई तो मैं उठी और बाथरूम में चली गई, अब मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही थी इसलिए मैं बहुत प्रेषण थी और अपने अंदर लगी आग को बुझाना चाहती थी. तभी मुझे ध्यान आया की रसोई में मूली रखी हुई है.
मैंने मूली से सेक्स करने की फिल्म पहले ही देख रखी थी, इसलिए मैं झट से एक मूली लेकर वापिस बाथरूम में आ गई और अपनी चूत और गांड में बार – बार मूली देकर आगे पीछे करने लगी.
मुझे डर भी था कि कहीं मूली अंदर ही टूट ना जाएँ इसलिए मुझे ये सब बहुत ही सावधानी से करना पड़ा लेकिन फिर भी मुझे बहुत मजा आ रहा था……..