साली जी की लेली-5

पिछला भाग पढ़े:- साली जी की लेली-4

अब मैं सोनिया जी की गांड के छेद में लंड सेट करने लगा। तभी सोनिया जी एक-दम से बिदक गई।

“रोहित जी, यार गांड में मत डालो।”

“बहुत ही मस्त गांड है सोनिया जी। गांड में तो डालने दो।”

“नहीं रोहित जी, गांड में नहीं।”

“नहीं सोनिया जी, गांड तो मारनी ही पड़ेगी। बहुत ही मस्त गांड है आपकी।”

“ओह्ह्ह रोहित जी, मान जाओ ना यार।”

“नहीं सोनिया जी, मैं नहीं मानूंगा।”

सोनिया जी गांड मरवाने में बहुत डर रही थी। मैं उनकी गांड फाड़ने की तैयारी कर रहा था। तभी मैंने सोनिया जी की गांड में लंड सेट कर जोर से झटका दिया।

अब एक ही झटके में मेरा मोटा तगड़ा लंड सोनिया जी की गांड में जा घुसा। गांड में लंड घुसते ही सोनिया जी बुरी तरह से चीख पड़ी।

“आईईईईई आईई आईई मर गईईई। ओह रोहित जी बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई प्लीज बाहर निकाल लो यार।”

“कुछ नहीं होगा आप रुको तो सही।”

“आईई‌ आईई मैं मर जाउंगी। आईई मम्मी।”

सोनिया जी की टाइट गांड में मेरा मोटा तगड़ा लंड बहुत भारी पड़ रहा था। अब मैंने फिर से ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड दूसरे ही झटके में साली जी की गांड को फाड़ता हुआ उनकी गहराई में उतर गया। बस मेरे लंड के इसी झटके से साली जी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।

“आईईईई मर गईईईई आईईईई आईईईईई मम्मी, बहुत दर्द हो रहा है, आईईईई। आईई प्लीज लंड बाहर निकालो।”

सोनिया जी की टाइट गांड में मेरा लंड फंस चुका था। सोनिया जी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक चुकी थी। वो बुरी तरह से हिल गई थी। सोनिया जी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। शायद पहले कभी सोनिया जी की गांड में लंड नहीं गया होगा। अब मैं सोनिया जी की कमर पकड़ कर अच्छी तरह से गांड मारने लगा। सोनिया जी बुरी तरह से चीख रही थी।

“आईईईई आईईईई आहाहा आह्ह आह्ह ओह मम्मी आहाहा आहाहा उह आहाहा आह्ह सिससस्स ओह मर्रर्रर्र गईईई।”

“ओह सोनिया जी आहा बहुत मस्त गांड है आपकी। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”

“अआईईई आईईईई आहाहाह यहां मेरी जान निकल रही है। बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई।”

“दर्द तो होने दो सोनिया जी। बिना दर्द के मज़ा भी नहीं आता है।”

“आहाहा सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह।”

मेरा लंड सोनिया जी की गांड के परखच्चे उड़ा रहा था। सोनिया जी की गांड में उतर कर मेरा लंड फुल मज़े कर रहा था। मैं सोनिया जी की गांड में ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रहा था। सोनिया जी दर्द से कराह रही थी।

“आह्ह आह्ह आहाहा सिसस्स उन्ह आह्ह आह्ह अआईईई आह्ह आह्ह। ओह मम्मी मरर्रर्र गईईई। धीरे-धीरे गांड मारो रोहित जी।”

“धीरे-धीरे ही मार रहा हूं सोनिया जी। बहुत टाइट गांड है आपकी।”

“हां रोहित जी, आह्ह आहा आहह।”

मेरा लंड सोनिया जी की टाइट गांड के छेद को ढीला करता जा रहा था। अब सोनिया जी का दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा था। मैं सोनिया जी की गांड में जम कर लंड पेल रहा था। सोनिया जी की चीखे कमरे में गूंज रही थी।

“आईई आईई आहहा आह्हा ओह्ह्ह मम्मी मर गाईई आहा आह्ह्ह।”

“ओह्ह्ह सोनिया जी। आह्हा बहुत मज़ा आ रहा है। आपकी बहन की गांड मारने में भी इतना मज़ा नही आता।”

मेरा लंड सोनिया जी की गांड के परखच्चे उड़ा रहा था। तभी सोनिया जी खुद को रोक नहीं पाई और पानी-पानी हो गई। अब मेरे लंड के हर एक झटके के साथ सोनिया जी की चूत से पानी टपक रहा था। मैं तो सोनिया जी की टाइट गांड में जम कर लंड ठोक रहा था।

“अहहा आहहा आईई आह्हा आईई।”

“ओह्ह्ह् सोनिया जी। बहुत ही मस्त माल हो आप।”

अब मैंने सोनिया जी की कमर छोड़ दी और फिर उनके बाल पकड़ कर सोनिया जी की गांड मारने लगा। अब माहौल और ज्यादा सेक्सी बन चुका था। अब सोनिया जी का चेहरा एक-दम सीधा हो चुका था। अब मैं सोनिया जी की गांड पर चपेड़ मार मार कर उनकी गांड में लंड पेल रहा था।

“आह्ह आह्हा आहहा आईई ओह्ह्ह् मम्मी आह्हा आह्हा।”

“सोनिया जी अब तो गांड मरवाने में मज़ा आ रहा है ना?”

“हां रोहित जी, अब बहुत अच्छा लग रहा है। अच्छे से बजा लो आप तो मेरी गांड को।”

“हां सोनिया जी।”

मैं सोनिया जी की गांड में जम कर लंड पेल रहा था। सोनिया जी अब आराम से गांड मरवा रही थी। मेरा सोनिया जी गांड में अच्छी तरह से जगह बना चुका था। मैं सोनिया जी को अच्छी तरह से बजा रहा था।

“आह्हा आह्हा आईई आह्हा आह्हा।”

फिर मैंने बहुत देर तक सोनिया जी की गांड मारी।

गांड ठुकाई से सोनिया जी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी।अब और ज्यादा देर तक लंड ठुकवाने की सोनिया जी की बस की बात नहीं थी। अब सोनिया जी उठ कर तुरंत पलंग पर लेट गई। मैं भी पलंग पर आ गया, और फिर से सोनिया जी के ऊपर चढ़ गया।

अब मैं फिर से सोनिया जी के रस भरे बोबों को चूसने लगा। सोनिया जी बिल्कुल चुप थी। गांड ठुकाई से सोनिया जी की हालत खराब हो चुकी थी। मैं सोनिया जी के बोबों को फिर से झंझोड़ चूस रहा था।

“ओह्ह्ह सोनिया जी। बहुत ही मस्त खजाना है आपका।”

फिर मैंने थोड़ी देर सोनिया जी के बोबों को अच्छी तरह से रगड़ा। अब मैं तुरंत नीचे सरका और मैं फिर से सोनिया जी की टांगे खोलने लगा।

“ओह रोहित जी बहुत बुरी तरह से ठोक दिया आज तो आपने।”

“आपकी तगड़ी ठुकाई तो होनी ही थी सोनिया जी। बहुत दिनों से मैं आपको बजाने के लिए तड़प रहा था।”

तभी मैंने सोनिया जी की चूत में फिर से लंड ठोक दिया। अब मेरा लंड सोनिया जी की चूत में फिर से गोते लगाने लगा। मैं कस कर सोनिया जी को बजा रहा था। सोनिया जी अब तो बुरी तरह से नसते-नाबूत होकर लंड ठुकवा रही थी।

“आह्ह सिससस्स आहा आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह सिससस्स।”

“ओह्ह्ह सोनिया जी आह्हा।”

सोनिया जी की हालत अब तो ऐसी हो चुकी थी, कि वो सही तरीके से कराह भी नहीं पा रही थी। मैं सोनिया जी को ताबड़-तोड़ बजा रहा था। आज तो सोनिया जी मेरे लंड के नीचे आकर बुरी तरह से पिघल कर पानी-पानी हो चुकी थी।

“आह्ह सिससस्स आह ओह रोहित जी सिससस्स आह्ह।”

“ओह साली जी मज़ा आ रहा है।”

“ओह रोहित जी अब जल्दी करो। बच्चे स्कूल से आने वाले है।”

“हां सोनिया जी कर रहा हूं”

मेरा लंड फूल स्पीड में सोनिया जी की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। सोनिया जी ने मुझे बाहों में कस रखा था। मैं सोनिया जी की चूत में जम कर लंड पेल रहा था। तभी सोनिया जी का फिर से पानी निकल गया।

“ओह्ह्ह् रोहित जी। आह्हा आह्हा आह्हा।”

“ओह्ह्ह सोनिया जी। बहुत अच्छा लग रहा है आज आह्हा।”

“आह्हा आह्हा आईई अब निकाल दो रोहित जी। आह्हा आहह।”

“थोड़ी देर और सोनिया जी।”

अब सोनिया जी क्या कहती? वो चुप हो गई। मैं सोनिया जी को बजाए जा रहा था। हम दोनों फिर से पसीने में नहा चुके थे। अब धमा-धम ठुकाई के बाद मेरा लंड पिघलने लगा। तभी मैंने सोनिया जी को ज़ोर से दबा दिया और मेरे लंड का सारा पानी सोनिया जी की चूत में उड़ेल दिया।

अब मैं सोनिया जी से लिपट गया। आज सोनिया जी को बजा कर मैं बहुत ज्यादा खुश था। लंबे इंतज़ार के बाद आज मेरे लंड को चूत चोदने का मौका मिला था।सोनिया जी भी मेरे मोटे लंड से ठुकाई करवाने के बाद बहुत ही खुश लग रही थी।

“मज़ा आ गया सोनिया जी आज तो।”

“हां रोहित जी मज़ा तो खूब दिया है आपने। मेरी बहन को भी रोज़ ऐसे ही मज़ा देते होंगे आप तो।”

“हां सोनिया जी। आपकी बहन भी जम कर चुदती है।”

“हां, चुदेगी ही सही। इतने मस्त लंड को कौन छोड़ना चाहेगी? आप से तो कोई मना नहीं करेगी। बहुत ही मस्त हथियार है आपका।”

“मना तो नहीं करेगी लेकिन चुदने में डर लगत है सबको।”

“हां रोहित जी, डर तो लगता ही है। अभी मेरी हालत ही देख लो। क्या लंड ठोका है आपने मेरी गांड और चूत में। पूरा नक्शा ही बिगाड़ दिया। बात तो सिर्फ किस करने की हुई थी, लेकिन आपने तो मेरी पूरी फिल्म ही देख ली।”

“हां सोनिया जी, मैं भी क्या करता? बहुत ही प्यासा था मेरा लंड। वैसे भी आप सीधे तरीके से नहीं चुदती।”

“हां मेरा मूड तो नही था देने का, लेकिन फिर आपने तो… अब तो अच्छी तरह से प्यास बुझा ली ना आपने? ”

“हां सोनिया जी अब तो मेरा लंड तृप्त हो गया।”

“चलो तो फिर कपड़े पहन लो। बच्चे आने ही वाले है अब।”

अब सोनिया जी उठी और कपड़े पहनने लग गई। मैं सोनिया जी के मस्त नंगे जिस्म को ताड़ रहा था। सोनिया जी चड्डी पहनकर ब्रा पहन रही थी। फिर सोनिया जी के पेटीकोट पहनकर नाड़ा बांध लिया। तभी मेरे लंड में फिर से करंट दौड़ने लगा।

“सोनिया जी बहुत सेक्सी लग रही हो।”

सोनिया जी तारीफ सुन कर मुस्कुरा गई। अब सोनिया जी ने ब्लाउज पहन कर साड़ी पहन ली।

“रोहित जी अब आप भी जल्दी से कपड़े पहन लो।”

“हां पहन रहा हूं सोनिया जी।”

अब सोनिया जी कमरे से बाहर चली गई। थोड़ी देर बाद मैंने भी कपड़े पहन लिए। बस कुछ ही देर में बच्चे भी स्कूल से आ चुके थे। अब सोनिया जी बच्चों के साथ ऐसे बात कर रही थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो। जबकि थोड़ी देर वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी।

अब मैं फिर से सोनिया जी को बजाने के लिए मचलने लगा। लेकिन सोनिया जी अब बच्चों के सामने चुदने के लिए तैयार नही थी।

“बहुत ही ज्यादा इच्छा हो रही है सोनिया जी।”

“नहीं रोहित जी। बच्चो के सामने नहीं।”

“बच्चों को तो बाहर भेज दो ना।”

“नहीं रोहित जी।”

सोनिया जी को फिर से बजाने की मेरी बहुत इच्छा हो रही थी, लेकिन सोनिया जी बजने के लिए तैयार नही थी। फिर मैं थोड़ी देर रुक कर वापस आ गया।

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