भाभी जी ने दी लंड को ठंडक-4

पिछला भाग पढ़े:- भाभी जी ने दी लंड को ठंडक-3

अब भाभी जी मेरे लंड पर बैठ गई और फिर उन्होंने चूत में लंड सेट कर लिया। अब भाभी जी झटके दे-दे कर चुदने लगी।

“आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह ओह रोहित जी बहुत मज़ा आ रहा है, आह्ह।”

“मिटा लो भाभी जी आपकी चूत की आग। आप भी तो बहुत प्यासी हो।”

“हां रोहित जी आज तो खूब चुदूंगी मैं। आह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है आपसे चुदाने में आहा आह्ह।”

“हां भाभी जी जम कर चुदो। जितनी मर्ज़ी हो उतनी। मुझे कोई दिक्कत नहीं।”.

भाभी जी ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रही थी। हर झटके से भाभी जी के मोटे-मोटे बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। अब धीरे-धीरे भाभी जी पसीने में भीगने लगी थी।

“आह्ह आहा सिससस्स आह्ह ओह रोहित जी। उन्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह।”

“बससस्स लेती रहो लंड भाभी जी।”

भाभी जी झमाझम चुद रही थी। आज तो भाभी जी रुकने का नाम नहीं ले रही थी। भाभी जी ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड के ऊपर कूद रही थी। फिर भाभी जी का पानी निकल गया और भाभी जी थक हार कर मुझसे लिपट गई।

फिर थोड़ी देर भाभी जी मेरे ऊपर पड़ी रही। अब मैंने भाभी जी को वापस नीचे पटक दिया, और भाभी जी की टांगे खोलने लगा। अब मैं भाभी जी की टांगो को कंधो रख कर फिर से भाभी जी की चूत की बखिया उधेड़ने लगा।

“आह्ह आह्ह अआईईई सिससस्स ओह रोहित जी अहा आह्ह।”

“ओह भाभी जी, बहुत मज़ा आ रहा है। अहा।”

मैं भाभी जी की जम कर ले रहा था।आज मेरा लंड महीनों की प्यास को बुझाना चाहता था। मैं धमा-धम भाभी जी को बजा रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक भाभी जी को ऐसे ही बजाया।

अब मैं भाभी जी को बेड से उतार कर नीचे ले आया। अब मैंने भाभी जी से घोड़ी बनने के लिए कहा।

“अब भाभी जी भला कैसे मना करती? वो तो खुद ही लंड ठुकवाने के लिए तड़प रही थी। तभी भाभी जी बेड पकड़ कर घोड़ी बन गई।

“लो रोहित जी, अब चढ़ जाओ आपकी घोड़ी पर।”

“हां भाभी जी।”

तभी मैं भाभी जी की चूत में लंड सेट करने लगा। फिर मैंने भाभी जी की कमर पकड़ कर ज़ोर से भाभी जी की चूत में लंड घुसा दिया। अब मैं भाभी जी की कमर पकड़ कर भाभी जी को झमाझम चोदने लगा।

“आहाहा आहा सिससस्स उन्ह ओह आह्ह ओह आह्ह।”

“ओह भाभी जी आह्ह मज़ा आ रहा है। आहा।”

“बससस्स ऐसे ही चोदे जाओ रोहित जी आह्ह। बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है मुझे चुदवाने में आह्ह।”

“हां भाभी जी आज तो मैं आपको रगड़ कर बजाऊंगा आह्ह।”

अब मैं भाभी जी को दे दना दन बजा रहा था। भाभी जी को बजाने में मेरे लंड को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी जी घोड़ी बन कर बहुत अच्छी तरह से चुद रही थी।

“आईईईई आहा आह्ह आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह आहा आहा ओह ओह आहा मर गईईई आह्ह अहह।”

मैं भाभी जी को घोड़ी बना कर झमाझम चोद रहा था। मेरे लंड को भाभी जी की चूत में बहुत ज्यादा आराम मिल रहा था। भाभी जी तो आज खुद को मुझे सौंप चुकी थी। मैं भाभी जी की चूत में झमाझम लंड पेल रहा था।

“आह्ह अआहः अहह ओह आहा आहा आईईईई सिसस्ससस्स आहा उन्ह आह्ह आह्ह आह।”

“ओह भाभी जी आहा बहुत मज़ा आ रहा है, आहा आहा।”

सामने लगी तस्वीर में भाई साहब उनकी स्वीटहार्ट को घोड़ी बन कर बजवाते हुए हुए देख रहे थे। आज मैं भाई साहब की घोड़ी को जम कर पेल रहा था। तभी थोड़ी देर की धुआंधार ठुकाई के बाद भाभी जी पानी-पानी हो गई। अब उनकी चूत से रस टपकता हुआ नीचे गिर रहा था। मैं ज़ोर-ज़ोर से भाभी जी को बजा रहा था। आज तो भाभी जी की चूत की खैर नहीं थी। मैं तो भाभी जी की चूत की धज्जियां उड़ा रहा था।

“अआह आह्ह आह्ह उन्ह आहा आह मर गईईई आहा”

मैंने भाभी जी को घोड़ी बना कर बुरी तरह से बजा दिया था। अब मैं भाभी जी की गांड के छेद को खोलना चाहता था। तभी मैं भाभी जी की चूत मे से लंड निकाल कर भाभी जी की गांड में लंड सेट करने लगा। तभी भाभी जी बिदक गई। वो गांड में लंड ठुकवाने से मना करने लगी।

“नहीं रोहित जी मैं गांड में नहीं लूंगी।”.

“भाभी जी मैंने आपको अच्छी तरह से बजा लिया है बस एक गांड ही तो बाकी रह गई है। अब उसे भी बजा लेने दो ना।”

“नहीं रोहित जी गांड में बहुत दर्द होता है। मैं गांड में तो नहीं डालने दूंगी।”

“भाभी जी ऐसे मत करो यार। गांड के बिना तो मज़ा ही अधूरा रहता है।”

“नहीं रोहित जी मैं गांड की रिस्क नहीं ले सकती। वैसे भी आपका हथियार बहुत मोटा तगड़ा है। मेरी तो गांड ही फाड़ देगा।”

“अरे भाभी जी आप तो पहले से ही बहुत ज्यादा डर रही हो। पहले एक बार तो गांड में लंड डलवा लो।”

“नहीं रोहित जी। मैं गांड में तो नहीं डालवाऊंगी।”

मैं भाभी जी को गांड मराने के पटाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन भाभी जी गांड में लंड लेने के लिए तैयार नहीं हो रही थी। तभी मैं भाभी जी की गांड में लंड डालने की कोशिश करने लगा।

लेकिन भाभी जी बेड पर भाग गई। तभी मैं भाभी जी की टांगे पकड़ कर उन्हें वापस नीचे खीच लाया। भाभी जी एक बार ही झटके में नीचे आ गई।

तभी भाभी जी मुस्कुराने लगी “क्या है यार रोहित जी। मैंने आपको चूत दे दी, फिर भी आप मेरी गांड के पीछे पड़े हो।”

“हां भाभी जी। अब आप जल्दी से घोड़ी बनो।”

“आप मेरी गांड फाड़ कर ही मानोगे।” तभी भाभी जी बेड पकड़ कर घोड़ी बन गई। अब मैं भाभी जी की गांड में लंड सेट करने लगा।

“रोहित जी, ऐसे ही गांड मारोगे क्या मेरी? थोड़ा तेल तो लगाओ।”

रूको मैं तेल लगाता हूं। तभी मैं भाभी जी की ड्रेसिंग से तेल ले आया और फिर भाभी जी की गांड को तेल लगा कर अच्छे से मसल दिया। फिर मैंने तेल लगा कर मेरे लंड को भी चिकना कर लिया।

अब मैंने झट से भाभी जी की गांड में लंड सेट किया, और फिर भाभी जी की गांड में लंड सरकाने लगा। तभी मेरा लंड भाभी जी की गांड में थोड़ा सा घुस गया। बस जिसमें ही भाभी जी चीख पड़ी।

“आईईईईई उन्हह मर गईईई। ओह रोहित जी बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई प्लीज बाहर निकाल लो यार।”

भाभी जी की टाइट गांड में मेरा मोटा तगड़ा लंड बहुत भारी पड़ रहा था। अब मैं धीरे-धीरे भाभी जी की गांड में लंड हिला-हिला कर गांड में जगह बना रहा था। फिर कुछ देर बाद मैंने ज़ोर का झटका दिया, और मेरा लंड एक ही झटके में भाभी जी की गांड को फाड़ता हुआ उनकी गहराई में उतर गया। बस मेरे लंड के इसी झटके से भाभी जी बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।

“आईईईई मर गईईईई आईईईई उन्हहह आईईईईई मम्मी, बहुत दर्द हो रहा है, आईईईई।”

तभी मैंने फिर से ज़ोर का झटका देकर भाभी जी की गांड में लंड ठोक दिया। अब तो भाभी जी बुरी तरह से हिल गई। उनको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। शायद पहले कभी भाभी जी की गांड में लंड नहीं गया होगा। अब मैं कस कर भाभी जी की गांड मारने लगा। भाभी जी बुरी तरह से चीख रही थी।

“आईईईई आईईईई उन्ह आहाहा आह्ह सिससस्स ओह मर्रर्रर्र गईईई।”

“ओह भाभी जी आहा बहुत मस्त गांड है आपकी, आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”

“अआईईई आईईईई आहाहाह यहां मेरी जान निकल रही है, बहुत दर्द हो रहा है। आईईईई।”

“दर्द तो होने दो भाभी जी। बिना दर्द के मज़ा भी नहीं आता है भाभी जी।”

“आहाहा सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह।”

मेरा लंड भाभी जी की गांड के परखच्चे उड़ा रहा था। भाभी जी की गांड में उतर कर मेरा लंड फूल मज़े कर रहा था। मैं भाभी जी की चूत में ज़ोर-ज़ोर से झटके मार रहा था। भाभी जी दर्द से कराह रही थी।

“आह्ह आह्ह आहाहा सिसस्स उन्ह आह्ह आह्ह अआईईई आह्ह आह्ह धीरे गांड मारो रोहित जी।”

“धीरे-धीरे ही मार रहा हूं भाभी जी। बहुत टाइट गांड है आपकी।”

“हाँ रोहित जी।”

तभी भाभी जी खुद को रोक नहीं पाई, और पानी-पानी हो गई। उनकी चूत रस से लबालब भर चुकी थी। अब मेरे लंड के हर एक झटके के साथ पच्छ पच्छ पाछ पच्छ की आवाज़ें आने लगी। मेरा लंड फूल स्पीड में भाभी जी को बजा रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक भाभी जी की गांड मारी।

गांड ठुकाई से भाभी जी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी। अब और ज्यादा देर तक लंड ठुकवाने की भाभी जी की बस की बात नहीं थी। अब भाभी जी उठ कर तुरंत बेड पर लेट गई। तभी मैं फिर से भाभी जी की टांगे खोलने लगा।

“ओह रोहित जी बहुत बुरी तरह से ठोक दिया आज तो आपने।”

“आपकी तगड़ी ठुकाई तो होनी ही थी भाभी जी। बहुत दिनों से मैं आपको बजाने के लिए तड़प रहा था।”

तभी मैंने भाभी जी की चूत में फिर से लंड ठोक दिया। अब मेरा लंड भाभी जी की चूत में फिर से गोते लगाने लगा। मैं कस कर भाभी जी को बजा रहा था। भाभी जी अब तो बुरी तरह से नसते-नाबूत होकर लंड ठुकवा रही थी।

“आह्ह सिससस्स आहा आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह सिससस्स।”

भाभी जी की हालत अब तो ऐसी हो चुकी थी, कि वो सही तरीके से कराह भी नहीं पा रही थी। मैं भाभी जी को ताबड़-तोड़ बजा रहा था। आज तो भाभी जी मेरे लंड के नीचे आकर बुरी तरह से पिघल कर पानी पानी हो चुकी थी।

“आह्ह सिससस्स आह ओह रोहित जी सिससस्स आह्ह।”

“ओह भाभी जी मज़ा आ रहा है।”

“ओह रोहित जी आपने तो थका ही दिया आह्ह आह्ह आह्ह।”

“ये तो होना ही था भाभी जी।”

फिर धमा-धम ठुकाई के बाद मेरा लंड पिघलने लगा। तभी मैंने भाभी जी को ज़ोर से दबा दिया और मेरे लंड का सारा पानी भाभी जी की चूत के उड़ेल दिया।

अब मैं भाभी जी से लिपट गया। आज भाभी जी को बजा कर मैं बहुत ज्यादा खुश था। लंबे इंतज़ार के बाद आज मेरे लंड को चूत चोदने का मौका मिला था।

भाभी जी भी मुझसे चुदवा कर बहुत खुश नज़र आ रही थी। उनका चेहरे पर खुशी साफ-साफ झलक रही थी।

“ओह रोहित जी बहुत पानी निकाल दिया आपने मेरा।”

“वो तो निकलना ही था भाभी जी।”

“हां आपने इतनी ज़बरदस्त ठुकाई की है, तो फिर इतना पानी तो निकलना ही था। लेकिन आप से चुदवा कर मज़ा आ गया।”

“मुझे भी आपको चोदने में बहुत मज़ा आया भाभी जी। बहुत शानदार हो आप। मेरा लंड को आपसे बहुत ज्यादा खुश हैं भाभी जी।”

“चलो अच्छा है। अब तो आपको शांति मिल ही गई होगी?”

“हां भाभी जी। बहुत-बहुत शुक्रिया आपका।”

फिर भाभी जी उठी और चड्डी उठा कर पहनने लग गई। फिर भाभी जी ने ब्रा, बलाऊज पहन कर पेटिकोट पहन लिया। अब भाभी जी साड़ी पहन कर तुरंत बैडरूम से बाहर निकल गई। मैं भी कपड़े पहन कर बाहर निकल आया। अब भाभी जी आगे और पीछे से लंड ठुकवा कर वापस अपने काम में लग चुकी थी। मैं फ्री बैठा हुआ था। भाभी जी के बच्चे अभी तक नहीं आये थे। तभी मैं वापस भाभी जी के पास गया।

“भाभी जी बच्चे तो अभी तक नहीं आये है?”

“हां शायद आज उनकी एक्स्ट्रा क्लास है।”

तभी मैंने भाभी जी पर तगड़ा पंच मारा। “तो फिर मैं भी आपकी एक्स्ट्रा क्लास ले लूं भाभी जी?”

“रोहित जी आप तो पहले ही मेरी हालत खराब कर चुके हो। अब क्या मुझे घायल करने का इरादा है क्या?”

“हां इरादा तो यही है भाभी जी।”

“नहीं रोहित जी अब और नहीं। एक बार में ही आपने मुझे दिन में तारे दिखा दिए। अब नहीं।”

“अरे भाभी जी बस एक बार और।”

भाभी जी मान नहीं रही थी। मैं भाभी जी को फिर से पटाने की कोशिश कर रहा था।मेरा लंड भाभी जी को फिर से बजाने के लिए उतावला हो रहा था। तभी मैं भाभी जी का हाथ पकड़ कर अंदर ले जाने लगा।

“रोहित जी यार ये क्या हरकत है?”

“सब सही है भाभी जी। बस एक बार और ठुकवा लो।”

“रोहित जी यार अब बच्चे आ जायेंगे।”

“बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास है भाभी जी।”

तभी मैंने भाभी जी को फ़टाफ़ट से बेड पर पटक दिया और भाभी जी की चड्डी खोलने लगा।

“रोहित जी आप बहुत ज़िद्दी हो।”

“कोई बात नहीं भाभी जी।”

अब मैंने फ़टाफ़ट से मेरा लंड निकाला और भाभी जी की चूत में ठोक दिया। अब मैं फिर से भाभी जी को बजाने लगा।

“ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आहा ओह रोहित जी।”

“ओह भाभी जी, आपको चोदने में तो अलग ही मज़ा आ रहा है, आह्ह।”

मैं ताबड़-तोड़ भाभी जी को बजा रहा था। भाभी जी का चमकीला चेहरा फिर से पसीने-पसीने होने लगा था। उनके होंठो को लिपस्टिक बहने लगी थी। तभी एक बार फिर से भाभी जी का पानी निकल गया।

“आह्ह आहा सिससस्स आह्ह ओह उन्ह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह।”

मैं मज़े से भाभी जी को चोद रहा था। आज मिले मौके का मैं जम कर फायदा उठा रहा था। फिर मैंने भाभी जी को बहुत देर तक बजाया और फिर भाभी जी की चूत को मेरे लंड के गर्म पानी से भर दिया।

अब भाभी जी ने उठ कर तुरंत चड्डी पहन ली।

“बहुत कमीने निकले आप। मुझे चोद कर ही माने।”

“अब तो रोज आपकी ठुकाई करूंगा भाभी जी।”

“ठोक लेना लेकिन रोहित जी थोड़ा सब्र रखना। कहीं आप बच्चों के सामने ही मुझे बजाने लग जाओ।”

“हां, किसी दिन ऐसा भी हो सकता है भाभी जी।”

“देखती हूं मैं।”

फिर भाभी जी वापस अपने काम में लग गई।

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