मेरे चारों बच्चे मेरी जान-6

शाम हुयी, सारे कर्मचारी चले गए। मैं हमारे रेस्ट रूम में आ गयी। अभिषेक गेट वगैरह लॉक करने के लिए निचे था। इतने में मैंने अपने कपड़े खोल लिए, सिर्फ ब्रा-पैंटी में आ गयी, अपने बाल खोल लिए, एक गाढ़ीContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-6

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-7

हमारा बिज़नेस काफी बढ़ गया था, एक और शोरूम खोलने के लिए हम जगह की खोज में लगे थे। मेरी और अभिषेक की चुदाई अब रोज़ नहीं हो पाती थी, क्यूंकि शाम के वक़्त मीटिंग के लिए लोग आ जाते,Continue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-7