रजनी की चुदाई उसीकी जुबानी-17 – जन्नत करनाल में ही है

करनाल का दूसरा दिन रजनी बता रही थी -“अब जो संतोष ने धक्के लगाए, मेरा तो पूरा शरीर ही हिल गया। बिना रुके संतोष चोद रहा था। मैं भी नीचे से चूतड़ घुमा घुमा कर उसका साथ दे रही थी।Continue reading… रजनी की चुदाई उसीकी जुबानी-17 – जन्नत करनाल में ही है

रजनी की चुदाई उसी की जुबानी भाग-23 – करनाल के आख़री दो दिन

करनाल में पांचवें दिन की मस्त रात और छटा दिन सरोज बेड के किनारे पर घुटनों और कुहनियों के बल उकडू हो कर बैठ गयी और चूतड़ पीछे की तरफ कर के उठा दिए। “चूत का गुलाबी छेद सामने दिखाईContinue reading… रजनी की चुदाई उसी की जुबानी भाग-23 – करनाल के आख़री दो दिन