मेरे चारों बच्चे मेरी जान-1

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। किसी के पूछने या सोचने से पहले ही बता दूँ की यह एक सच्ची कहानी है और लोग चाहे कितने भी हैरान क्यों ना हो, बंद कमरे में क्या होता है, किसके साथ होता है,Continue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-1

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-4

अगले दिन से मेरी और अभिषेक की एक नयी दुनिया शुरू हो गयी। अगला दिन रविवार था तो सारे बच्चे रविवार को देर से उठते हैं और कामवाली भी देर से ही आती है। लेकिन माँ होने के नाते मैंContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-4

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-5

अभिषेक उठ कर मेरे चुत पे एक चुम्मी देकर चुत के दीवार को खोलने लगा और अपने खड़े लंड को सीधे अंदर घुसा दिया। अब वो सिखने लगा था। इतने तेज़ी से घुसाया की मेरी बहुत ज़ोर की चीख निकलContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-5

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-8

मेरे काफी ज़ोर देने पर उसने कहा,”यहाँ पास में लोकल दवाई की एक दुकान है, जो पुरे गोवा में फेमस है। वहाँ एक दवाई मिलती है जिसे वाइन के साथ खाना होता है। वो खाते ही सेक्स टाइम तीन गुनाContinue reading… मेरे चारों बच्चे मेरी जान-8