हेलो दोस्तों.. अन्तर्वासना, कामुकता और हिंदी सेक्स स्टोरी की दुनिया में आपका स्वागत है.. मेरा नाम राजेश है। मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। मैं बहुत बहुत हैंडसम लड़का हूं। कोई भी लड़की देख कर फिदा हो जाती है। [antarvasna, koi mil gaya]
मेरी कहानी 5 महीने पहले की है जब मैं 11 मैं था। मेरे क्लास में एक लड़की पढ़ती थी उसका नाम नंदिनी था..
बात उस समय की है जब वह मेरे क्लास में नई नई आई थी। रंग सफेद दूध के जैसा था से पहली बार देखते मेरा लौड़ा तन कर खड़ा हो गया और मैं ही मैंने उसे चोदने का ख्याल बना लिया। मैं दिन रात उसे चोदने के सपने देखा करता था।
एक दिन वह ग्राउंड में अकेली थी मैं उसके पास गया और बोला।
हाय। मैं राजेश तुम्हारा क्या नाम है..
उसने मुझे अपना नाम नंदिनी बताया उसने बताया की वह मेरे घर से 1 किलोमीटर दूर से मानी जाती है.. वैसे मैं ज्यादा घर से बाहर निकलता नहीं इसलिए मैंने उसका घर नहीं देखा था।
धीरे-धीरे हमारी दोस्ती बढ़नी लगी और हमारे बीच में बातें होने लगी। हम दोनों अब एक महीने में अच्छे फ्रेंड बन गए थे। फिर एक दिन मैंने उससे उसका नंबर मांगा उसने मुझे अपना नंबर दे दिया।
इस बीच एक दिन तेज बारिश के कारण वह अपने घर नहीं जा पाई और वह मेरे घर पर रुक गई उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था सब मेरी मौसी के यहां शादी पर गए थे।
मैंने उसे चेंज करने के लिए कपड़े भी अपनी बहन के से सर्दी हो गई थी इसलिए मैंने उसके लिए चाय बनाई। हम लोग अब चाय पीते- पीते टीवी देख रहे थे। अभी भी बारिश बहुत तेज हो रही थी ।
अब हम लोग मूवी में खो गए थे। नंदिनी को बहुत ठंडी लग रही थी इसलिए हम पास चिपक कर बैठ गए। पिक्चर के बीच में एक किस वाला सीन चालू हुआ ।
मैंने झट से नंदिनी के होठों को अपनी होंठों में दबा लिया। शुरुआत में तो बहुत हिचकीचाई लेकिन बाद में वह नॉर्मल हो गई।
बरसात के मौसम वह क्या गजब ढा रही थी। वह देखना मैं स्वर्ग की अप्सरा लग रही थी। मंत्र कर रहा था उसकी पेंटि खोलकर उसे अभी चोद दु लेकीन इतने में ही घर का फोन आ गया।
और बारिश भी बंद हो गई।
और उसे जाना पड़ गया। अगले दिन हम स्कूल में मिले वह काफी खुश दिख रही थी।
फिर ठीक है फिर हमारी बातें आगे बढ़ने लगी मुझे जब भी मौका मिलता है दबा दिया करता था और किस दे दिया करता था । एक दिन मैंने अपना लौड़ा दिखाया तो मेरा 8 लंबा और 2 इंच मोटा लोड़ा देख कर भाग गई।
अब हमारी छुट्टियां भी हो गई थी । इस समय हमारी बातें सिर्फ फोन पर हुआ करती थी।
इस बीच वह मुझसे चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार हुई थी ।
धीरे-धीरे हमारी छुट्टियां बीत गई। और हमारे स्कूल भी खुल गया । अब मुझे जब भी समय मिलता मैं उसे चूम लिया था। अपनी बाहों में भर लिया करता। और अपना लौड़ा उसके मुंह में डाल दिया करता था।
अब वह मुझसे चोदने के लिए तरस रही थी। एक दिन हमें मौका मिल ही गया। उस दिन हमारी छुट्टी जल्दी हो गई और घर पर भी मेरे कोई नहीं था। हम दोनों घर पर गए और खाने पीने की चीजें साथ मे ले गए..
घर में जाते ही हमने एक दूसरे को चुमना स्टार्ट किया। मैंने उसकी स्कर्ट जल्दी से उतारी। उसका बदन स्वर्ग की अप्सरा की तरह लग रहा था जिससे मैं पागल हुआ जा रहा था। उसने गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी।
मैने उसका टॉप उतार दिया अब वह मेरे सामने ब्रा और पेंटी में थी ब्रा और पेंटी में मुझे बहुत ही सुंदर दिख रही थी अपने हाथों से अपने पेंटी को छुपा रही थी..
उसका चेहरा शर्म के मारे लाल हो गया था।
उसके बदन को एकटक निहारता देख रहा था ।
आज जो मुझसे इतनी सुंदर लड़की चुदने वाली थी। मैंने कहा मेरे शर्ट पैंट अब तू ही निकालो।
उसने शर्माते हुए मेरे शर्ट पेंट उतार दी ।
अब मेरा लौड़ा मेरे अंडरवियर में से साफ झलक रहा था।
अब मैंने उसके बूब्स को उसके ब्रा से आजाद कर दिया उसके क्या गोरे गोरे और गोल गोल बूब्स थे अब उसके बूब्स मुझे पागल कर रहा था। मैं उसके दोस्तों एक तक देखता ही रह गया।
उसके बूब्स को लगातार चूसने लगा ।
मैंने लगभग 20 मिनट तक उसके बूब्स को चूसा मैंने उसकी पेंटी मैं भी हाथ डाल दी। उसकी चूत बहुत गर्म लावा की तरह लग रही थी। वह बहुत गर्म हो गई थी।
मैंने देर न करते हुए उसकी पैंटी निकाल दी और उसकी फूली हुई चुत मुझे बहुत नाटक लग रही थी। मैं उसकी चुत को चूसने लगा। और वह झड़ गई।
मैं उसकी चूत को चूसते रहा। वह फिर से एक बार गर्म हो गई। अब मैंने अपना लण्ड़ खोला और उसके मुंह में दे दीया। अब वह मेरे लण्ड को चुस रही थी और मुझे स्वर्ग का आनन्द आ रहा था।
अब मैंने देर ना करते हुए उसको चुत पर क्रीम लगाया और उसके होठों को उठा लिया और अपना 8 इंच का लण्ड र रखकर एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी चुत में समा गया और वह दर्द से रोने लगी।
मैंने उसे छोड़ दिया और अगले दिन का इंतजार करने का उसको चोदने के लिए।