ऑफिस में माया की सामूहिक चुदाई

दोस्तों, मेरा नाम अमित शर्मा है ओर मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हू. मेरी उम्र ३१ साल है ओर मैं एक मल्टिनॅशनल मैं अच्छे पद पर हू. ये मेरी अंतर्वनसा पर पहली कहानी हैं ओर पूरी तरह काल्पनिक हैं. अगर कुछ भूल हुई हो तो माफ़ कीजिएगा ओर अपने विचार भेजना ना भूलिएगा. मेरा ईमेल हैं [email protected].

आआह्ह्ह. आआह्ह्ह. आआह्ह्ह्ह. आआअह्ह्ह्हह चिल्लाते हुए माया अपनी गांड उछाल रही थी. आज माया का जोश सातवे आसमान पे था और अंकित भी उसे चोदने मैं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था. वो बस अपनी बीवी को रगड़ के चोदना चाहता था. अंकित और माया की शादी को लगभग १० साल हो गए थे. वैसे तो उनकी सेक्स लाइफ शुरू से ही अच्छी थी, लेकिन पिछले ४-५ सालो मैं माया की वासना बढ़ने लगी थी. अंकित को भी इससे कोई शिकायत नहीं थी. माया को चोदते हुए अंकित की नज़र माया के चुच्चो पे पड़ी. ३६C के भरी भरी मम्मे अंकित के हर धक्के से ताल से ताल मिला रहे थे. ३५ साल की उम्र मैं भी माया ने खुद को फिट रखा था. ३६-२८-३४ का फिगर किसी को भी पागल करने के लिए काफी था.

बेड के कोने पे लेटी माया ने अपनी टाँगे अंकित की कमर मैं डाल राखी थी. अंकित बेड के नीचे खड़ा हुआ माया की चुत मैं अपना लन्ड अंदर बाहर कर रहा था. अंकित जानता था माया किसी भी पल झड सकती है और अंकित भी झड़ने ही वाला था. अंकित ने झुक के माया का एक निप्पल मुँह मैं ले लिए और दूसरे को मरोड़ने लगा. अंकित के झुकने से उसके लन्ड के ऊपर का हिस्सा माया के दाने को रगड़ने लगा. अपने दाने और मम्मे पर हुए इस हमले से माया पिघलने लगी.

आआह्ह्ह्हह आआआअह्ह्ह्हह. “और जोर से अंकित. जोर से चोदो. चूस लो मेरे मम्मो को. और जोर से डालो.

आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.” अपनी कमर उठाते हुए माया झड़ने लगी. अंकित भी माया की चुत की गर्मी सहन नहीं कर पाया और माया की चुत मैं झड़ने लगा और माया के ऊपर गिर गया. माया को अंकित का भार अपने बदन पे अच्छा लग रहा था. दोनों हाफ्ते हुए एक दूसरे से लिपट गए और जब माया की आँख खुली, सुबह हो चुकी थी. माया सीधे नहाने चली गई. आज उसके लिए बड़ा दिन था. माया आज एक नयी कंपनी ज्वाइन करने वाली थी. यह एक बढ़ती हुई कंपनी थी और यहाँ माया जल्दी ही अपने बॉस, कंपनी के MD को इम्प्रेस करना चाहती थी.

माया नहा के निकली और अपनी अलमारी से एक पंजाबी सूट निकला. माया बोहोत सुन्दर थी. गोरा चिट्टा रंग, ५’५” की हाइट और ऊपर से ३६C-२८-३४ का फिगर. आज भी माया २८ साल से ज्यादा नहीं लगती थी. माया खुले विचारो वाली मोर्डर्न औरत थी. ऑफिस में कई लोग उससे फ़्लर्ट करते थे और माया को इससे कोई परहेज़ नहीं था. जब माया के फ़्लर्ट करने की वजह से लोगो का लन्ड खड़ा हो जाता था, माया को बोहोत मज़ा आता था. उसे लगता था के वो किसी को भी अपने वश में कर सकती है. अंकित उसका पहला प्यार था और शादी के बाद माया अंकित के अलावा किसी भी मर्द से नहीं चुदी थी. या कहिये माया को किसी से चुदने की जरुरत नहीं पड़ी. अंकित उसे हर तरह से खुश रखता था और दोनों हफ्ते में ३-४ बार सेक्स कर ही लेते थे.

माया ने पंजाबी सूट में खुद को निहारा. वो जानती थी आज बोहोत ले लोग उसे देख के उसके नाम की मुठ मरेंगे. टाइट फिटिंग की वजह से माया के मम्मे और भी बड़े लग रहे थे. मम्मो का ऊपर का हिस्सा सूट से बाहर झांक रहा था. अपनी बलखाती हुई कमर पे माया ने हाथ फिराया और १ चुन्नी डाल ली. माया ने अपनी गाडी निकली और चल दी ऑफिस की और.

ऑफिस मे माया का वेलकम खुद MD ने किया और माया को सभी से मिलवाया. माया लोगो की नज़रो में अपने लिए हवस देख सकती थी. खासकर कोने में खड़ा हुआ १ आदमी, जो की उसे ४० के आस पास लगा, लगातार माया को ही घूरे जा रहा था. “बहनचोद आज तो आखो से ही बलात्कार कर देगा ये हरामी” सोचते हुए माया ने उससे हाथ मिलाया. “माया, यह है Mr अमित. आपके पहले प्रोजेक्ट पे ये आपके साथी होंगे और इसलिए आप दोनों का केबिन एक ही है” कहते हुए MD ने माया को अमित से मिलवाया. माया ने मुस्कुराते हुए अमित से हाथ मिलाया और सोचने लगी “पहला प्रोजेक्ट इस हरामी के साथ. बोहोत संभल के रहना होगा”.

माया को ऑफिस ज्वाइन किये हुए २ दिन हो चुके थे और अमित के बारे में जिस भी लड़की से पूछा, माया को उससे और चीड़ होती गई. अमित MD का साला था और एक नंबर का ठरकी था. ऑफिस में कोई भी लड़की ऐसी नहीं थी जिसपे अमित ने लाइन न मारी हो. “मुझसे पन्गा लिया तो इस हरामी को ऐसा सबक सिखाऊंगी, साला अपनी बीवी को भी आँख उठा के नहीं देखेगा” सोचते हुए माया अपने कैबिने मे एक फाइल ढूंढ रही थी. उसे याद आया के वो फाइल ऊपर वाले शेल्फ में रखी है.

आज माया ने साडी पहनी थी और जैसे ही माया ने अपना हाथ बढ़ाया फाइल उतरने के लिए, उसे अपने पेट पे एक हाथ महसूस हुआ. माया फ़ौरन पलटी उसके सामने अमित खड़ा था. माया ने सोचा भी नहीं था अमित की इतना हिम्मत हो सकती है. अमित के चेहरे की मुस्कराहट माया से बर्दास्त नहीं हुई और माया ने कस के अमित को थप्पड़ मार दिया. अमित ने कुछ नहीं कहा और सीधे कमरे से बाहर निकल गया. माया का चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था लेकिन उसने किसी तरह खुद को शांत किया.

अगले ४-५ अमित और माया में बस उतनी ही बात हुई जितनी जरुरी थी. माया को देखते ही अमित अपनी आखें झुका लेता. माया को लगने लगा था के अमित को उसका सबक मिल गया है और आगे से अमित अपनी लिमिट में रहेगा. उसे ये भी लगने लगा था के शायद उसे अमित को थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था और उसे अमित से इस बारे में बात करनी चाहिए. माया ये सब सोच ही रही थी के अमित की आवाज उसके कानो में पड़ी “माया, आपके लिए कॉफी लाया हूँ. आपकी मीटिंग से पहले ये आपमें एनर्जी भर देगी”. आज माया की एक बोहोत ही बड़े क्लाइंट क साथ मीटिंग थी जिसमे खुद MD होने वाले थे.

ये प्रेजेंटेशन इस कंपनी में माया का भविष्य बना और बिगड़ सकती थी. माया ने जैसे ही कॉफी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, कॉफी माया की साडी पे गिर गई. “रियली सॉरी माया, सब मेरी गलती है. जल्दी से इससे साफ़ कर लो” कहते हुए अमित ने माया को साडी साफ़ करने के लिए टिश्यू पकड़ाया. माया तुरंत लेडीज वाशरूम की तरफ भागी. गरम कॉफी गिरने की वजह से माया जो पेट पे जलन हो रही थी. माया ने पहले अपने पेट पर से, फिर अपनी सेमि-ट्रांसपेरेंट साडी पर से कॉफी साफ़ की. “साला चूतिया, देख के कॉफी भी नहीं दे सकता” सोचते हुए माया साडी ठीक करने लगी. लेकिन पेट पे जलन की वजह से माया साडी ठीक से नहीं पहन पा रही थी. माया ने साडी अपनी नाभि से २ इंच नीचे की, तब जाके उसे अच्छा लगा.

ठन्डे पानी की वजह से जलन तो काम हो गई थी, लेकिन माया को ये पता था के वो साडी ऊपर नहीं बांध पाएगी. माया ने खुद को शीशे में देखा. साडी नीचे बाँधने की वजह से माया और भी सेक्सी लग रही थी. “ये ट्रांसपेरेंट साडी भी आज ही पहननी थी मुझे” बड़बड़ाते हुए माया बाहर निकली और सीधे अपने केबिन में घुस गई जहा अमित नहीं था.

माया ने घडी की तरफ देखा और अपनी फाइल ढूंढ़ने लगी. “यार तू इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है माया. इतनी महत्वपूर्ण फाइल और तू रख के भूल गई”. तभी माया को अमित की आवाज सुनाई दी “माया, क्या ढूंढ रही हो? वो आपकी महत्वपूर्ण फाइल?” माया का ग़ुस्सा सातवे आसमान पे था. वो अमित का खेल समझ चुकी थी. “अमित, अगर वो फाइल तुमने अभी के अभी मुझे नहीं दी, तो में MD सर से कंप्लेंट कर दूंगी” माया गरजते हुए बोली.

“जिसको बोलना है बोल दो, लेकिन सब यही सोचेंगे के मीटिंग से पहले तुमने फाइल कही खो दी और इलज़ाम मुझपे डाल रही हो. MD सर को में आराम से मन लूंगा” अमित अपनी चेयर पे बैठते हुए बोलै, उसके चेहरे पे विजयी मुस्कान थी और माया जानती थी, इस समय वो कुछ नहीं कर सकती थी. “अमित प्लीज वो फाइल मुझे दे दो, उस थप्पड़ के लिए मुझे दिल से दुःख है” माया लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोली. “नाटक करती है रंडी, उस दिन तो बोहोत लाल पीली हो रही थी. निकल गई सारी हेकड़ी”.

अमित के बात करने के तरीके से माया को झटका लगा, लेकिन वो जानती थी के वो फाइल कंपनी के लिए बोहोत महत्वपूर्ण है. “मैं तुम्हे वो फाइल दे सकता हूँ, लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा?” “कितने पैसे चाहिए तुम्हे, बोलो.” माया ने कहा, हलाकि वो जानती थी अमित ये सब पैसो के लिए नहीं कर रहा. “फाइल के बदले में मुझे तुम्हारी ब्रा चाहिए, अभी”. माया की आखे खुली की खुली रह गई और उसे एक मिनट लगा समझने में अमित क्या मांग रहा था. “मैं बाहर जा रहा हूँ, ५ मिनट में वापस आऊंगा. तब तक मुझे तुम्हारी ब्रा तुम्हारी टेबल पे मिलनी चाहिए” कहते हुए अमित रूम से बाहर चला गया.

अपनी सीट पे बैठते हुए माया उस दिन को कोसने लगी जब उसने अमित को थप्पड़ मारा था. खुद को संभाते हुए माया उठी, और गेट बंद किया. उसे पता था ५ मिनट जल्दी ही निकल जाएंगे. अपना पल्लू हटाया और जल्दी से ब्लाउज खोलने लगी. फिर ब्रा निकल के टेबल पे रखी, और ब्लाउज का हुक बंद ही कर रही थी के दरवाजे पे दस्तक हुई. माया जैसे ही ब्लाउज बंद कर के मुड़ी, सामने सुमित खड़ा था. वो माया का जूनियर था और माया को शायद मीटिंग के लिए याद दिलाने आया था. टेबल पे रखी ब्रा देख कर सुमित का मुँह खुला का खुला रह गया. “मैं थोड़ी देर में वापस आता हूँ” कह के सुमित केबिन से बाहर निकल गया.

“पता नहीं आज क्या क्या और देखना बचा है” कहते हुए माया दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी के तभी अमित अंदर आ गया, और उसके पीछे था उस्मान. उस्मान ऑफिस में पियोन था. “ये यहाँ क्या कर रहा है” माया ने गुस्से से अमित को देखते हुए पूछा. “उस्मान अपना ही दोस्त है और जिस दिन तुम पहली बार आई थी, मेरी उस्मान से शर्त लगी थी के तुम पैडेड ब्रा पहनती हो. बस वही शर्त जीतने के लिए उस्मान को यहाँ लेके आया हूँ.” अमित ने शांत रहते हुए कहा. “लाओ अब जल्दी से तुम्हारी ब्रा मुझे दे दो, जिससे में उस्मान को बता सकू के में कभी गलत नहीं होता”. माया ने अपनी ब्रा उठाई और अमित की तरफ फेक दी. अमित ने ब्रा को अपने हाथ में लिए, और नंबर पढ़ते हुए कहा “३६C. देखा उस्मान, सही कहा था ना मैंने. पैडेड भी और साइज भी”. “हां सर. आपका अंदाजा बिलकुल सही निकला” अमित के हाथ से ब्रा लेते हुए उस्मान बोला.

फिर उस्मान माया की ब्रा को अपने चेहरे के पास ले गया और सूंघने लगा. ये सब देख के माया का मन कर रहा था के ऑफिस से भाग जाए. शर्म क मारे वो जमीन में गड़े जा रही थी. “अब तो मुझे वो फाइल दे दो अमित” माया ने कहा. फाइल आगे बढ़ाते हुए अमित बोला “है, ये लो तुम्हारी फाइल”. लेकिन तभी उस्मान बोला, सर, हम कैसे मान ले ये वही ब्रा है जो मैडम आज पहन के आई है. ये सुनते ही माया आग बबूला हो गई और उस्मान को थप्पड़ मारने के लिए आगे बढ़ी. उसने जैसे ही साथ उठाया, अमित ने माया हाथ पकड़ लिए और झट से उसका पल्लू कंधे पे से नीचे खींच लिया. ट्रांसपेरेंट साडी की तरह ब्लाउज भी थोड़ा झीना था और ध्यान से देखने पर माया के काले निप्पल देखे जा सकते थे. माया का पारा बढ़ता ही जा रहा था, लेकिन वो चाह के भी कुछ नहीं कर सकती थी. माया ने अपने चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया. मौके का फायदा उठा के उस्मान ने माया की नाभि के नीचे अपनी ऊँगली फिरा दी.