दोस्तो! कैसे हो आप सब? मेरी रीयल चुदाई की गर्म कहानी को पढ़कर आप सब मज़ा लें!
आज मैं आपको बताऊँगा कि कैसे मैंने एक लेडी डॉक्टर की चुदाई की।
यह कहानी पिछले हफ्ते की ही है। जब मैं मेरे बड़े पापा के घर मुंबई गया था. जाने के बाद किसी वजह से मेरे पैर में काफी ज्यादा दर्द होने लगा था. मुझे इसका कारण पता नहीं चल पा रहा था। मैंने कई दिन एक मेडीकल स्टोर से दवा भी खाई लेकिन कुछ आराम नहीं मिला। फिर मेरे छोटे भाई ने मुझे न्यूरो सर्जन के पास ले जाने के लिए कहा.
मेरा भाई उसको पहले से जानता था, इसलिए जल्दी ही हमारी फाइल वहां पर लग गई। हम अपनी फाइल निकलवाकर अपने नम्बर का इंतज़ार करने लगे।
जब हमार नम्बर आया तो मैं और मेरा भाई अंदर चले गये. वो एक लेडी डॉक्टर थी और देखने में बहुत सी सेक्सी लग रही थी।
मुझसे काफी देर तक बात करने के बाद उस डॉक्टर ने कहा कि मुझे टेस्ट करवाना पड़ेगा।
मैंने उससे पूछा- टेस्ट के सैंपल के लिए कहाँ जाना होगा?
तो उसने मुझसे कहा- अभी तो काफी सारे पेशेंट आए हुए हैं, आप शाम को 6 बजे आ जाना.
मेरे बड़े पापा के घर भी मेहमान आए हुए थे तो टेस्ट-रिपोर्ट करवाने हम लोग शाम के 7 पहुंच पाए. जब हम पहुंचे तो वहां पर 2-3 पेशेंट ही बैठे थे। आखिर में मेरा ही नम्बर था.
जब मेरी बारी आयी तो वहां पर मेरा भाई और वो डॉक्टर ही थे. जब डॉक्टर ने कहा कि आपको टेस्ट के लिए रूम के अंदर आना पड़ेगा तो मैं उसके साथ रूम के अंदर चला गया। मेरा भाई वहीं पर बाहर बैठकर अखबार पढ़ते हुए मेरा इंतज़ार करने लगा।
मैं डॉक्टर के साथ रूम में अंदर पहुंच गया और अंदर जाकर डॉक्टर बोली- आपको अपनी पैंट निकालनी पड़ेगी क्योंकि आपके पैरों पर मशीन लगानी पड़ेगी।
मैंने कहा- बिना पैंट निकाले क्या आप टेस्ट नहीं कर पाओगी?
मेरे इस सवाल पर डॉक्टर ने कहा- शरमाओ मत!
मैंने कहा- लेकिन … मैं पैंट के नीचे कुछ नहीं पहनता हूँ डॉक्टर साहिबा।
तो इस पर डॉक्टर ने पलटकर जवाब दिया- कोई बात नहीं, मुझे भी शर्म नहीं आती है!
उस लेडी डॉक्टर ने मेरा भरोसा बढ़ाते हुए कहा- आप पैंट निकाल दो और मुझे मेरा काम करने दो।
मैंने धीरे से अपनी पैंट का बटन खोल दिया और नंगा हो गया। मेरा लंड मेरी जांघों के पास देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह गईँ। मेरा 6 इंच लंबा और 2.5 सेमी मोटा लंड था। फिर उसने मुझसे कहा कि आप अपनी आँखें बंद कर लो। आंखें बंद करके मुझे बताना कि आपको कहां पर क्या महसूस होता है।
मेरी जांघों पर हाथ फेरते हुए उसने मुझसे पूछा- आपको कहाँ पर ठंडा लगता है।
मैंने ऐसा ही किया, मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं. मगर जैसे ही मैंने आंखें बंद की, उसकी मोटी गांड मेरी आंखों के सामने आ गई और उसके बारे में सोचते ही मेरा लंड पूरा 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया।
मैंने मेरी एक आंख खोलकर देखा तो उस डॉक्टर का मुंह खुला हुआ था। ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे लंड को पकड़ना चाहती थी। मैंने आंखें खोलकर उसको इशारा किया और इशारे में ही पूछा कि कैसा लगा मेरा?
उसने मुझे आंख मारी और मेरे लंड को फ्लाइंग किस करते हुए इशारा किया।
उसके बाद मैंने उसको मेरा लंड हिलाने के लिए कह दिया। वह मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी. उसके नरम-नरम हाथों में जाकर मेरे लंड को बड़ा मज़ा आ रहा था, मेरा मन कर रहा था कि उसकी मोटी गांड में अभी अपना लंड डाल दूँ लेकिन वो मेरे लंड को हिला-हिलाकर मज़े ले रही थी।
जब कुछ देर तक उसने मेरे लंड को हिला दिया तो मैंने उसको लंड चूसने के लिए कहा लेकिन उसने उस वक्त मना कर दिया। मैंने सोचा कि मैंने उत्तेजना में कुछ ज्यादा ही बोल दिया उसे।
फिर उसने मुझसे पैंट वापस पहनने के लिए कह दिया। मैंने पैंट वापस पहन ली और उसने कुछ देर तक उसने मुझसे और भी कई सवाल किए।
जब उसकी सारी जांच पूरी हो गई तो बाद में हम रूम से बाहर आ गए।
बाहर आने के बाद मेरे भाई ने डॉक्टर से पूछा- कोई तकलीफ वाली बात तो नहीं है न?
डॉक्टर ने कहा- कोई तक़लीफ की बात नहीं है। मैं कुछ दवाईयाँ लिख देती हूं। उनको उसी हिसाब से ले लेना। मगर आपको दवाओं के साथ-साथ एक्सरसाइज़ के लिए भी क्लीनिक पर आना पड़ेगा।
जब हमने डॉक्टर से पूछा कि कितने बजे आना होगा तो उसने शाम को 7 बजे का टाइम बता दिया।
मैं अब रोज़ शाम को एक्सरसाइज़ के लिए जाने लगा।
दो दिन बाद जब मेरा पैर ठीक हो गया तो मैं शाम को मैं अपने पैर का फिर से चेक-अप करवाने के लिए गया। उसने मेरा पैर देखा और कहा कि आपका पैर ठीक हो गया है। अब आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
उस वक्त हम दोनों वहाँ पर अकेले ही थे।