टीचर ने मेरी बहन को चोदा

मेरी बहन आकांक्षा की पहली चुदाई की कहानी लेकर आप सब के सामने हाजिर हूँ। तो चलिए अब कहानी आरम्भ करते है खुद आकांक्षा की जुबानी।

मैं बहुत सुंदर और सेक्सी हूँ। लड़के मेरी सेक्सी गांड और भरी हुई जांघें देख कर अपना लंड पकड़ लेते थे। पहली बार मेरी चुदाई मेरे काॅलेज में मेरे इंग्लिश के टीचर ने की थी।

बात उन दिनों की है, जब मैं 19 साल की थी, और फर्स्ट ईयर में पढ़ती थी। हमारे काॅलेज में एक ड्रेस निर्धारित हुआ करती थी, जिसमें हम लड़कियों को स्कर्ट और एक शर्ट पहन कर जाना होता था।

क्योंकि मैं पहले से ही बहुत सुंदर, सेक्सी और गदराए बदन की मालकिन थी, तो मेरी जांघें भी बहुत भरी और सेक्सी रहती थी। लड़के मेरी सेक्सी और भरी हुई जांघें देख कर अपना लंड पकड़ लेते थे।

कई बार मैंने राह चलते बातें भी सुनी थी, कि “काश एक रात के लिए मुझे यह मिल जाए, तो मैं इसकी बुर और गांड दोनों फाड़ दूंगा।” मुझे यह सब सुन कर बहुत अच्छा और जोशीला लगता था।

कई बार तो मेरा भी मन करता था, कि मैं उनके साथ चली जाऊं, और जी भर के अपनी बुर फड़वा लूं। लेकिन समाज के लाज-शर्म के डर से यह सब मैं नहीं कर सकी। बस मन के अंदर भरा रहता था।

एक दिन जब मैं काॅलेज पहुंची, तो हमारे इंग्लिश टीचर सर क्लास में आए और बोले-

सर: आकांक्षा, तुम मेरे कैबिन में आओ।

मैं घबरा गई कि अब क्या हो गया। क्योंकि मैं उन सब को उस दिन की घटना के बाद से देख कर घबरा जाती थी।

मैं डरी सहमी सर के केबिन में पहुंची। सर का कैबिन बिल्कुल अलग और एकांत में बना हुआ था, जहां बिना उनकी परमिशन के कोई नहीं जा सकता था।

जब मैं केबिन के अंदर पहुंची,‌तो सर अपना कुछ काम कर रहे थे।

मैं बोली: जी सर, क्या बात है?

सर ने पहले तो मुझे ऊपर से नीचे तक घूरा, और बोले: आकांक्षा मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी, कि तुम्हारे इतने कम नम्बर आएंगे।

मैं: सर सारी, गलती हो गयी। अगली बार ऐसा नही होगा।

सर: जब तक कोई सजा नहीं मिलती, गलती दोबारा भी होती है।

मैं सर झुकाए खड़ी हुई थी और बोली: जी सर, क्या सजा है मेरे लिए? लेकिन प्लीज घर में मत बताइएगा। आप जो कहोगे मैं करूंगी।

लेकिन सर मेरी इस बात को दूसरे मतलब में ले जाकर बोले: जो बोलूंगा वह करोगी?

मैं समझ गई कि लगता है कि सर की नजर मेरे बूब्स और गांड पर थी।

मेरा भी मन कर रहा था कि मैं सर का लंड अपनी चूत में डाल लूं। फिर मैंने सर को कहा-

मैं: इसमें मेरा क्या फायदा?

सर समझ गये, और कहा: जो तुम चाहो।

मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए कहा: मुझे सभी सब्जेक्ट मे टाप कराना होगा।

मुझे पता है अब आप लोगों को लगेगा कि मैं एक नंबर की रंडी ही थी क्या, जो तुरंत पहली बार मिलते ही चुदवाने के लिए तैयार हो गई? तो मैं आप सब को एक बात बता दूं,‌ कि मैं रंडी तो बिल्कुल नहीं थी। लेकिन काफी दिनों से चुदासी जरूर थी।

सर ने कहा: उसके बदले तुम्हे कुछ देना पड़ेगा ।

मैंने कहा: जो लेना हो ले लीजिए।

और फिर सर ने मुझे पकड़ के पहले जम कर मेरे होंठ चूसे, और मेरी चूची दबाई। उसने मेरी शर्ट उतार दी, और मेरी स्कर्ट ऊपर उठा दी, और मेरे गोल चूतड़ों में हाथ मलने लगा।

मेरी कमर में उसके हाथ लगते ही मैं पूरी पानी-पानी हो गई, और तुरंत मैंने सर की पैन्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसका लंड पकड़ लिया। उसका लंड एक-दम डंडे की तरह कठोर और लंबा हो गया था। मुझे समझ आ गया था कि मैंने अपनी कुंवारी बुर के लिए गलत लड चुन लिया था। आज मेरी बुर का भोसड़ा बनने वाला था।

20 मिनट तक चुम्मा-चाटी के बाद जब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने तुरंत उनकी पैन्ट को नीचे कर दिया, और ठीक से उनका लंड बाहर निकाल कर मुंह में लेकर चूसने लगी।

सर मेरे गोल बूब्स जिनका साईज 34-26-36 था, और देखा जाए तो दोस्तों वैसे मेरे बूब्स कुछ ज़्यादा ही बड़े थे। कसम से उसका लंड इतना मोटा और लंबा था, कि मेरी गर्दन के नीचे तक उसका लंड जा रहा था। उसका लंड एक दम पानी से गीला और चिपचिपा हो गया।

उसने तुरंत मुझे नीचे लिटाया। मेरी स्कर्ट ऊपर उठाई, और मेरी पेंटी उतार के उसे सूंघने लगा। 2 मिनट सूंघने के बाद मेरी पेंटी उसने बगल में रखी, और अपना लंड पकड़ कर मेरी बुर में सेट कर दिया।

वो लंड को मेरे अंदर ना डाल कर मेरी बुर के दाने के ऊपर से ही रगड़ने लगा, जिससे मैं सातवें आसमान में पहुंच गई।

मैं कराहने लगी: आह आह आह चोदो अब‌ मुझे आह।

जोर से कराहती हुई मैं बोली: बहन के लौंडे, भोसड़ी वाले, फाड़ दे। मेरी बुर में आग लगी है।

उसने आव देखा ना ताव, और वही गीला लंड पकड़ के मेरी बुर के छेद में टिका कर एक झटके में लंड डाल दिया। मेरा पूरा शरीर कांप गया और आंखें बाहर को आने लगी।

जब उसका गर्म डंडे के जैसा लंड मेरी बुर के अंदर तक गया, मैंने उसे इतनी तेजी से पकड़ लिया। 10 मिनट तक उसने मेरी बुर के अंदर ही अपना लंड शांत रखा। जब उसके लंड ने मेरी बुर के अंदर जगह बना ली, तो मैंने थोड़ा सा हिल कर उसे इशारा किया कि मेरी बुर मरवाने के लिए तैयार थी।

उसने तुरंत मेरे कंधों से मुझे पकड़ कर दूसरा झटका मारा, और उसका पूरा का पूरा लंड जड़ तक मेरी बुर में समा गया।

मैं जोर से चीखी: उईई ईईई मार डाला आआआ

और अपने एक हाथ से अपनी बुर को पकड़ने लगी। लेकिन जब कोई हट्टा-कट्टा मर्द किसी कुंवारी बुर को चोदता है, तो वह हरामी लड़की को हिलने नहीं देता। वहीं हाल मेरा भी था।

मैं भी पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी। मैं उसे गाली देकर बोली: भोसड़ी वाले, और तेजी से चोद। समझ नहीं आ रहा मैं चुदासी हूं?

वह मुझसे भी बड़ा हरामी और चोदू था। उसने अपनी कमर जोर से चलानी शुरू की। 10 मिनट चोदते-चोदते जब सर थक गया, तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर बैठने को कहा। मैं तुरंत उठी, और थोड़ा सा थूक लेकर उसके लंड के टोपे में लगाया।

उनका लौड़ा हाथों से पकड़ कर अपनी बुर के छेद में सेट करके उसपे धीरे-धीरे बैठने लगी। जैसे-जैसे उनका मूसल लंड मेरी बुर के अंदर घुसता जा रहा था, वैसे-वैसे ही मेरा चरम सुख सातवें आसमान में पहुंचता जा रहा था।

मुझे इतना मजा आ रहा था, कि मैं अपनी आंखें बंद करके बस उस लंड के घुसने का मजा ले रही थी। मैं लगातार धक्के मारती रही, और मेरी चीखें निकलती रही-

मैं: आहहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह उउम्म्म बेबी मजा आ रहा है, और चोदो, और तेज चोदो, बेबी जोर से धक्के मारो ना, आआआह हहह आहह!

ऐसे ही चुदते और चुदाते हम दोनों का 2 मिनट बाद एक साथ पानी निकल गया। उसने पूरा पानी मेरी बुर के अन्दर भर दिया। जैसे ही पानी अन्दर गया, मैंने कस कर उसको बांहों में जकड़ लिया।

निढाल होकर मैं उसकी छाती के ऊपर गिर गई, और मेरी बुर से पानी निकल कर उसका पूरा लंड गीला हो गया। बुर से पानी निकल कर उसकी जांघों से होकर बहने लगा।

2 मिनट तक मैं ऐसे ही उसके सीने से चिपक कर उसके ऊपर ऐसे पड़ी रही जैसे मैं स्वर्ग में पड़ी हूं। 2 मिनट बाद जब हम दोनों होश में आए तो सर ने बोला-

सर: चलो अब जल्दी से अपने कपड़े पहन लो । मैं खड़े होकर देखता हूं की बाहर कोई है तो नहीं।

तो दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की कहानी

मैं जल्दी अपनी अगली चुदाई की कहानी लेकर हाजिर होऊंगी। जिसमे बताऊंगी कि परीक्षाओं के दौरान मेरे भाई ने कैसे चोदा।

मैं जल्दी अपनी अगली चुदाई की कहानी लेकर हाजिर होऊंगी। तब तक आप अपना प्यार बनाए रखें, और मुझे इसी ईमेल आईडी में अपनी मेल भेज कर बताते रहें कि कहानी कैसी लगी।

इस ईमेल आईडी में आए हुए हर ईमेल का जवाब मैं और मेरा चचेरा भाई दोनों ही पढ़ते हैं और देते हैं।

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