क़रीब 5 मिनट की लंबी किसिंग के बाद मैं और कुछ करता, इससे पहले आंटी को ढूंढते अंकल आये और वो उनके साथ चली गयी। मैं भी रूम में आके सो गया।
अगले दिन स्विमिंग पूल मैं पहले गया। थोड़ी देर बाद आंटी भी वहां आयी। अंकल कही आस-पास नज़र नहीं आ रहे थे।
मैं उनके पास गया, और उनको लेके पानी में उतरा। हम दोनों एक कोने में गये और मैंने पानी में आंटी की चूत को सहलाना शुरू किया।
रेखा आंटी: उमम उमम कोई देख लेगा ना।
मैं: आंटी इसीलिए तो हम पूल की इस तरफ़ आये है। यहां कोई नहीं होता।
मैंने आंटी की चूत में उंगली अंदर-बाहर करना चालू किया
आंटी: आह आहह आई आईईई!
मैंने 5 मिनट बाद ये सब बंद किया, और अपना लंड बाहर निकालने ही वाला था कि अंकल वहां आ गये। आंटी ने जल्दी-जल्दी अपनी पैंटी पहनी पानी में ही।
अंकल: अरे मैं तुम्हें कब से ढूंढ रहा हूं, और तुम यहां हो प्राश के साथ।
आंटी: हा वो प्राश मुझे स्विमिंग के नये तरीक़े सिखा रहा था।
मैं: हां अंकल, आंटी को बहुत मज़ा भी आ रहा था।
(ये सुनते ही आंटी मेरी तरफ़ देख के हसने लगी)
मैं: कल मैं आपके यहां आया था। आज आप मेरे कमरे में आओ। हम कोई अच्छी मूवी देखेंगे।
दोनों ने हां कहा और कहीं चले गये। अब मैं कमरे में जाके इंतज़ार करने लगा, लेकिन सिर्फ़ अंकल आये और कहने लगे-
अंकल: बेटा आंटी को नींद आ रही थी, तो वो नहीं आयी।
मैं मायूस हो गया, लेकिन अब कर भी क्या सकते थे? मूवी चालू होते ही मैंने बहाना किया कि अंकल आप मूवी देखो मुझे कुछ ज़रूरी काम है। अंकल उधर मूवी देखने लगे, और मैं उनके कमरे में चला आया।
दरवाज़ा आंटी ने खोला। उन्होंने कपड़ों के नाम पे बस टावल लपेटा हुआ था। मैंने सीधा जाके उनका टावल निकाला, और उनके चूचे चूसने लगा। क्या ग़ज़ब बूब्स थे आंटी के, बड़े-बड़े और गोरे रसीले बूब्स, मैंने 5-7 मिनट बाद अपने कपड़े निकाले, और बस अंडरवियर में ही था।आंटी मेरे पास आयी और मेरी अंडरवियर निकाली और चौक गई।
रेखा आंटी: तेरे पास तो 7 इंच का लंड है। मैंने इतना बड़ा लंड पहले कभी नहीं देखा। इनका तो बस साड़े 3 इंच का लंड है, और वो भी ठीक से चोदते नहीं।
मैंने आंटी को घुटनों पे बिठाया और मेरा लंड आंटी के मुंह में दे दिया। आंटी मेरा लंड चूसने लगी। 5 मिनट बाद मैंने आंटी की चूत चाटना चालू किया।
आंटी: आह आह, अब रहा नहीं जाता आह।
मैंने आंटी को उनके बेड पे लिटाया, और उनके ऊपर चढ़ गया और अपना 7 इंच का लंड आंटी की चूत में डाल दिया। आंटी ने इतना बड़ा लंड पहले कभी नहीं लिया था। तो वो पहले झटके में ही चिल्लाने लगी
रेखा आंटी: आह आह मर गई रे, धीरे-धीरे करो।
मैंने आराम से झटके लगाना चालू किया। 2-3 मिनट बाद मैंने अपने झटके बढ़ा दिये।
रेखा आंटी: आह आह आह, मैंने ऐसी चुदाई कभी नहीं की आह।
5 मिनट तक मैंने आंटी पे झटके पे झटके लगाये और वो चिल्लाती रही। अब मैंने पोजीशन चेंज कर ली, और ख़ुद बेड पे नीचे लेट गया, और आंटी को मेरे लंड पे बिठाया। अब आंटी मेरे लंड पे उछल-कूद करने लगी।
4-5 मिनट बाद आंटी थक गई तो मैंने बेड के एक साइड वाले हिस्से पे आंटी को लिटाया, और उनके पैर ज़मीन पे। मैं खड़ा होके आंटी की चूत चोदने लगा। अब आंटी को भी मज़ा आ रहा था।
रेखा आंटी: आह आह प्राश, और चोदो मुझे।
अब हम दोनों के सर पे चुदाई सवार हो गयी। मैंने आंटी को धक्के लगाये और पूरे रूम में बस आंटी चिल्लाए जा रही थी
आंटी: आह आह आह प्राश मुझे और चोदो।
क़रीब 10 मिनट बाद आंटी झड़ गयी। हम थोड़ा रुके और फिर से चुदाई करने लगे। इस बार मैं आंटी को खड़े-खड़े चोद रहा था, और वो भी बस चुदाई का मज़ा ले रही थी आह आह आह आह, उम्मम उम्म आह आई।
इतने में आंटी 2 बार झड़ गई। ऐसे ही हमने 12-13 मिनट तक चुदाई की। अब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी के मुंह पे सारा रस डाल दिया। आंटी ने वो रस पी लिया। फिर मुझे नहाना था तो मैं बाथरूम में जाके शावर लेने लगा। मुझे शरारत सूझी तो मैं आंटी को भी शावर में ले आया। फिर हमने एक साथ नहाया और मैं जाने लगा।
रेखा आंटी: जल्दी जा, कही मेरा पति नहीं आ जाये यहां पे।
मैं: हां जाता हूं, पहले ये तो कर लूं।
मैंने आंटी को किस किया, पीछे से उनकी गांड दबायी, और अपने कमरे में चला आया।
अंकल: अरे कहा रह गये थे? मूवी ख़त्म हो गई।
मैं: हां अंकल, वो जरा काम था तो देर लग गई।
अंकल: चलो कोई बात नहीं। अब मैं चलता हूं। रेखा मेरी राह देख रही होगी।
और फिर वो चले गये।
मैंने रूम में ही खाना मंगवाया और खाते ही सो गया।अगले दिन, मैं उठा, नाश्ता लेने नीचे गया। जाते-जाते आंटी के कमरे की तरफ़ गया। वहां कोई नहीं था। मुझे लगा बाहर होंगे। लेकिन मुझे कही दिखे नहीं। मैंने नाश्ता किया और वही टाइमपास करते बैठा। कोई था नहीं वहां। एक शादी-शुदा कपल बैठा था। और कोई था नहीं।
मैं बोर होने लगा। मैं आंटी का नंबर लेना भी भूल गया था। तो मैं उनको ढूंढने लगा। मुझे वो दूर से गेट की तरफ़ जाते दिखे, तो मैं भाग-भाग के उनके पास गया। पता चला उनको काम था बाहर, तो उन्होंने एक कार मंगवायी थी, और वो इंतज़ार कर रहे थे।
थोड़ी देर में वहां कार आयी। अंकल बैठे, और दूसरी साइड रेखा आंटी बैठने वाली थी। मैं उनके पीछे गया और उनकी गांड पे हाथ फेरने लगा।
अंकल: रेखा चलो बैठो ना।
आंटी अंदर बैठ गयी, और वो बाय बोल के चले गये। मुझे पूरा दिन यहां निकालना था। ना आंटी थी, ना कोई और, मैं स्विमिंग पूल गया। वहां पे (मैंने कहानी की शुरुआत में बताया था ना की घर की बड़ी बहू) वो बैठी थी, और उसका पति भी वहां बैठा था। मैं उनको दूर से लाइन मारने लगा। वो भी मुझे ही देख रही थी और वो मुस्कुरायी। लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकता था उसके पति के होते।
10-15 मिनट बाद वो दोनों मेरे पास आए, और अपना परिचय दिया। उसका नाम सोनाली था, और उसके पति ना नाम वरुण था। सोनाली के बारे में बता देता हूं। बहुत हॉट लग रही थी। 30 के आस-पास उम्र थी उसकी, 36-28-38 का फिगर, चेहरे से चुदक्कड़, गोरा रंग था, उसके चूचे बड़े रसीले लग रहे थे, कोई भी देख के बस चुदाई के बारे में सोचे।
वो इधर-उधर की बातें करने लगे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा था। उन्होंने कहा कि उनका बाक़ी का परिवार घर वापस चला गया था। फिर उन्होंने मुझे ठीक से बताया की वो मुझसे क्या चाहते थे।
उन्होंने मुझे क्या बताया, और वो मुझसे क्या चाहते थे, ये मैं आपको अगले पार्ट में बताऊंगा। मेरी कहानी पसंद आई तो फीडबैक ज़रूर देना। ईमेल: [email protected]